गोल्डन कार्ड में ओपीडी को भी किया जाए कैशलेस, सीजीएचएस की तर्ज पर कर्मचारियों, पेंशनर्स को सुविधाएं देने की मांग, अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ ने प्राधिकरण को याद दिलाया वादा
देहरादून।
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ ने गोल्डन कार्ड में ओपीडी सुविधा को भी कैशलेस किए जाने की मांग की। साथ ही सीजीएचएस की तर्ज पर कर्मचारियों, पेंशनर्स को सुविधाएं देने पर जोर दिया। महासंघ ने अध्यक्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण को उनका वादा भी याद दिलाया।
महासंघ अध्यक्ष दीपक जोशी और महामंत्री जगमोहन नेगी ने प्राधिकरण अध्यक्ष डीके कोटिया को पत्र भेज कर कहा कि राज्य और राज्य से बाहर पूरे देश में सीजीएचएस से जुड़े अस्पतालों, सीजीएचएस दरों का लाभ कर्मचारियों को दिया जाए। योजना का बड़े स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए। ओपीडी को भी कैशलेस किया जाए। दो सालों से की गई अंशदान की कटौती को वापस किया जाए।
भर्ती मरीजों के कैशलेस उपचार में जो तकनीकी खामियां सामने आई हैं, उनका निस्तारण एक सप्ताह के भीतर कराया जाए। पैनल में शामिल अस्पतालों की पूरी सूची उपलब्ध कराई जाए। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों का तय समय के भीतर निस्तारण किया जाए। प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। प्राप्त शिकायतों का तेजी से निस्तारण कराया जाए। इस प्रक्रिया को उलझाने वाले अफसरों पर कार्रवाई हो। निगम, निकाय, शिक्षणेत्तर और अशासकीय शिक्ष्ज्ञकों, कर्मचारियों को भी गोल्डन कार्ड का लाभ दिया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पोर्टल से राज्य के 23 और राज्य से बाहर पूरे देश के विभिन्न शहरों की सीजीएचएस दरों के 1813 अस्पताल को पैनल में जोड़ा जाए। एक सितंबर से सभी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को सभी लाभ सुनिश्चित कराए जाएं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों के बीच 16 अगस्त को बैठक होनी है। इस बैठक में प्राधिकरण के स्तर से एक सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की जानकारी दी जाए। सरकार के साथ होने वाली त्रिपक्षीय बैठक पर भी चर्चा होगी।