स्वास्थ्य विभाग के सुझाव का पेंशनर्स ने किया विरोध, राजकीय पेंशनर्स परिषद उत्तराखंड ने 2006 की व्यवस्था को लागू करने पर दिया जोर

0
17

स्वास्थ्य विभाग के सुझाव का पेंशनर्स ने किया विरोध, राजकीय पेंशनर्स परिषद उत्तराखंड ने 2006 की व्यवस्था को लागू करने पर दिया जोर

राजकीय पेंशनर्स परिषद ने स्वास्थ्य विभाग के गोल्डन कार्ड योजना को लेकर दिए गए विकल्प का विरोध किया। साफ किया कि पेंशनर्स को वर्ष 2006 से लागू व्यवस्था का लाभ दिया जाए। इसे लेकर जल्द शासनादेश जारी किया जाए।
परिषद के महामंत्री नवीन नैथानी ने कहा कि जो राजकीय पेंशनर्स ‘राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना’ में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उन्हें वर्ष-2006 की व्यवस्था का लाभ दिया जाए। इसके अनुसार सरकारी बजट से चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा मंजूर कराई जाए। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के दावों की जांच एक ही स्तर पर कराई जाए। राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में आर्युवेदिक उपचार पद्धति को भी शामिल किया जाए। इसके लिए शासनादेश जल्द जारी किया जाए।
कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है। इसमें साफ किया गया है कि जो पेंशनर तय समय तक योजना में शामिल न होने का विकल्प-पत्र प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनको लेकर मान लिया जाएगा कि वे योजना में बने रहना चाहते हैं। उनसे एक जनवरी 2021 से अंशदान की मासिक कटौती की जाएगी। बाद में उनके विकल्प परिवर्तन पर कोई विचार नहीं होगा। ये सीधे तौर पर तानाशाही भरा फैसला है। इसका विरोध होगा। हाईकोर्ट के संज्ञान में इसे लाया जाएगा। क्योंकि ये फैसला हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
सरकार यूपी की ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेश चिकित्सा योजना’ की तरह लाभ दे। उत्तराखंड में भी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रित परिजनों को समान स्वास्थ्य योजना लागू की जाए। इस मांग को लेकर एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जाएगी। सांसद, विधायकों का भी सहयोग लिया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here