बिजली कर्मचारियों ने सीएम के सामने रखा पक्ष, पुरानी एसीपी का लाभ न दिए जाने पर जताई नाराजगी, सीएम को सौंपा 14 सूत्रीय मांग पत्र, बताई अपनी मांगे 

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बिजली कर्मचारियों ने सीएम के सामने रखा पक्ष, पुरानी एसीपी का लाभ न दिए जाने पर जताई नाराजगी, सीएम को सौंपा 14 सूत्रीय मांग पत्र, बताई अपनी मांगे

देहरादून।

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के समक्ष अपना पक्ष रखा। ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत समस्त नियमित कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनरों तथा उपनल के माध्यम से कार्योजित संविदा कार्मिकों की वर्षों से लंबित 14 सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया।
पदाधिकारियों ने कहा कि एसीपी की पूर्ववर्ती व्यवस्था 9, 14, 19 वर्ष को तत्काल लागू किया जाए। ये लाभ कर्मचारियों से सातवें वेतनमान में छीन लिया गया है। इससे कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है। वर्ष 2005 तक नियुक्त सभी कर्मीकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। उपनल के कार्मिकों को न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में नियमित, समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। कहा कि शासन एवं प्रबंधन की निष्क्रियता के चलते ही ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई कि ऊर्जा कार्मिकों को विवश होकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
इस पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार ऊर्जा निगमों के समस्त वर्ग के कार्मिकों की मांगों व समस्याओं के प्रति गंभीर है। स्थिति सामान्य होने पर मोर्चे के साथ अधिकारियों की उपस्तिथि में औपचारिक वार्ता की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा के सभी कर्मचारियों द्वारा इस कोविड काल मे किये जा रहे कार्यों की प्रंशसा की। अपील की गई इस महामारी को समाप्त करने के लिए सभी कर्मचारी एकजुटता के साथ सरकार का सहयोग करें। तभी जाकर हम इस महामारी को हरा पाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चे के संयोजक इन्सारउल हक, अमित रंजन, पंकज सैनी, भानु जोशी, अनिल मिश्रा, प्रदीप कंसल, विजय बिष्ट, विनोद कवि, प्रमोद कुमार, सत्येंद्र रावत आदि शामिल रहे।

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