अनिश्चितकालीन बड़े आंदोलन की तैयारी में बिजली कर्मचारी, बिजली कर्मचारियों ने गेट मीटिंग कर जताया विरोध, चरणबद्ध आंदोलन के तहत पुरानी एसीपी की मांग को लेकर प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की तैयारी, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, दिसंबर 2017 का वादा लागू करने की मांग

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अनिश्चितकालीन बड़े आंदोलन की तैयारी में बिजली कर्मचारी, बिजली कर्मचारियों ने गेट मीटिंग कर जताया विरोध, चरणबद्ध आंदोलन के तहत पुरानी एसीपी की मांग को लेकर प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की तैयारी, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, दिसंबर 2017 का वादा लागू करने की मांग

देहरादून।

उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू कराने समेत तमाम दूसरी मांगों के निस्तारण को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है। शासन पर साढ़े तीन साल से कर्मचारियों को झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया। बुधवार को ईसी रोड कार्यालय में गेट मीटिंग कर जमकर विरोध जताया।
ईसी रोड कार्यालय पर मोर्चा से जुड़े कर्मचारियों, पदाधिकारियों ने शासन, सरकार और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पदाधिकारियों ने कहा कि दिसंबर 2017 में शासन ने आंदोलन ये कहते हुए समाप्त कराया था कि एसीपी की पुरानी व्यवस्था समेत तमाम सभी मांगों को समय रहते पूरा करा लिया जाएगा। बावजूद इसके आज साढ़े तीन साल गुजरने के बाद एक इंच भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी है। इसके लिए सीधे तौर पर शासन में बैठे अफसर जिम्मेदार है। जो शासन, सरकार को गुमराह करने में लगे हुए हैं। इन्हीं अफसरों के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
पदाधिकारियों ने कहा कि एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू न होने से कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है। जोखिम भरा काम करने के बाद भी सरकार बिजली कर्मचारियों की सुध नहीं ले रही है। उपनल कर्मचारियों को लेकर हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद न तो उन्हें नियमित किया जा रहा है। न ही समान काम का समान वेतन दिया जा रहा है। उल्टा सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट जरूर चली गई है। जो सरकार का कर्मचारी विरोधी रवैया दर्शाता है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बार जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा। विरोध जताने वालों में मोर्चा संयोजक इंसारुल हक, संदीप शर्मा, केहर सिंह, प्रदीप कुमार, राकेश शर्मा, विनोद कवि, डीसी ध्यानी, अमित रंजन, विवेक कुमार, सुनील मोगा, पंकज सैनी, दीपक बेनिवाल, युद्धवीर सिंह तोमर, एनएस बिष्ट, बब्लू सिंह, मुकेश कुमार, रेखा डंगवाल, विनोद ध्यानी, डीसी उनियाल, शैलेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

प्रमुख मांगे
एसीपी 9, 5, 5 वर्ष का लाभ दिया जाए
दिसंबर 2017 में हुए समझौते का पालन हो
पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए
उपनल कर्मचारियों का नियमितीकरण, समान काम का समान वेतन
नये एई और जेई, टीजी टू को पहले की तरह 3,2,1 प्रारंभिक वेतन वृद्धि का लाभ देते हुए वेतनमान तय किया जाए
सातवें वेतनमान के अनुरूप मंजूर विभिन्न भत्तों का रिवीजन
पॉवर सेक्टर के निजीकरण पर रोक के साथ खाली पदों पर भर्ती
उपनल कर्मचारियों को भी संविदा कर्मियों की तरह वर्ष में दो बार महंगाई भत्ते का लाभ
टीजी टू से जेई पद पर लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को पूरा किया जाए
यूपीसीएल में भी यूजेवीएनएल और पिटकुल की भांति बोनस का लाभ
राज्य के तीनों ऊर्जा के निगमों का एकीकरण
सेवा नियमावली में किसी भी संवर्ग की सेवाशर्त पूर्ववर्ती यूपी राज्य विद्युत परिषद की सेवा शर्तो से कम न हो
चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को तृतीय समयबद्ध वेतनमान जेई के मूल वेतन 4600 की भांति दिया जाए

चरणबद्ध आंदोलन कार्यक्रम
22 मार्च से छह मई तक प्रदेश भर के विभिन्न कार्यालयों के बाहर गेट मीटिंग
13 मई पिटकुल मुख्यालय समेत सभी जोन कार्यालयों पर प्रदर्शन व ज्ञापन
15 मई यूपीसीएल मुख्यालय समेत सभी जोन कार्यालयों पर गेट मीटिंग
17 मई यूजेवीएनएल मुख्यालय, परियोजना खंडों पर प्रदर्शन
20 मई को यूपीसीएल मुख्यालय पर सत्याग्रह
27 मई को यूजेवीएनएल मुख्यालय पर सत्याग्रह व यूपीसीएल मुख्यालय तक रैली
28 मई को रात मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन हड़ताल

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