बिजली कर्मियों को पुरानी एसीपी से कम कुछ मंजूर नहीं, ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने बनाया दबाव, कर्मचारियों के लंबित प्रमोशन न होने पर भी प्रबंधन को लिया निशाने पर
देहरादून।
ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने पुरानी एसीपी 9, 5, 5 वर्ष का लाभ कर्मचारियों को देने के लिए दबाव तेज कर दिया है। एसोसिएशन ने प्रबंधन से लेकर शासन को भेजे पत्र में साफ किया कि अब कर्मचारी पुरानी एसीपी को लेकर ज्यादा इंतजार नहीं करेंगे। शासन को हर हाल में दिसंबर 2017 में किया गया वादा निभाना होगा। एसोसिएशन ने शासन पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया।
एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने कहा कि बिजली कर्मचारी बेहद जोखिम भरे हालात में काम करते हैं। यही वजह है, जो बिजली कर्मियों को यूपी के समय से अतिरिक्त विशेष लाभ मिलता रहा है। सातवें वेतनमान में इसी अतिरिक्त लाभ को खत्म कर दिया है। इससे बिजली कर्मचारियों को बड़ा वित्तीय नुकसान हो रहा है। प्रमोशन के मौके कम हो गए हैं। टाइम स्केल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे बिजली कर्मचारियों को हर महीने पांच हजार से 40 हजार तक का नुकसान हो रहा है।
शासन में इन मांगों के निस्तारण को लेकर दिसंबर 2017 में लिखित समझौता हुआ। इस समझौते के निस्तारण को लेकर आज तक कोई गंभीर प्रयास नजर नहीं आया। इसका नुकसान कर्मचारियों को आज तक भुगतना पड़ रहा है। टीजी टू से जूनियर इंजीनियर के पदों पर प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। सातवें वेतनमान की वेतन विसंगतियां दूर न होने से कर्मचारी परेशान हैं। इसके लिए सीधे तौर पर प्रबंधन स्तर पर बरती जा रही लापरवाही जिम्मेदार है। जल्द मांगों का निस्तारण न हुआ, तो एसोसिएशन बड़े आंदोलन की तैयारी में है।
एसोसिएशन ने उपनल कर्मचारियों के मामले में प्रबंधन के सुप्रीम कोर्ट जाने पर भी सवाल उठाए। कहा कि जब हाईकोर्ट से कोई भी कर्मचारी विरोधी फैसला होता है, तो इसे तत्काल लागू कर दिया जाता है। अब जब उपनल कर्मचारियों को राहत देने वाला फैसला हुआ है, तो प्रबंधन सुप्रीम कोर्ट चला गया है। समान काम का समान वेतन और नियमितीकरण की उपनल कर्मचारियों की मांग को तत्काल पूरा किया जाए।