कर्मचारियों का सवाल, आईएएस, आईपीएस को विशेष तवज्जो क्यों, सीजीएचएस के साथ ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ दिए जाने पर उठाए सवाल, कर्मचारियों की गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर न किए जाने पर जताई नाराजगी 

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कर्मचारियों का सवाल, आईएएस, आईपीएस को विशेष तवज्जो क्यों, सीजीएचएस के साथ ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ दिए जाने पर उठाए सवाल, कर्मचारियों की गोल्डन कार्ड की खामियों को दूर न किए जाने पर जताई नाराजगी

देहरादून।

कर्मचारियों ने अखिल भारतीय सेवा के अफसरों को सेंट्रल गर्वमेंट हेल्थ स्कीम का लाभ मिलने के साथ ही चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी दिए जाने पर सवाल उठाए। साफ किया कि राज्य के कर्मचारियों के लिए गोल्डन कार्ड की खामियां तक दूर नहीं की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर आईएएस, आईपीएस को विशेष लाभ दिया जा रहा है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि राज्य में ये दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। गोल्डन कार्ड की खामियों के कारण प्रदेश के सम्पूर्ण कार्मिक वर्ग के साथ-साथ राज्य के समस्त पेंशनर्स एवं परिवार के आश्रित स्वास्थ्य सुविधाओ से वंचित हैं। जबकि ये लाभ कर्मचारियों के मासिक अंशदान से ही मिलना है। जो खामियां हैं, उन्हें राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण भी स्वीकार कर रहा है। इसके बाद भी शासन उनमें संशोधन को तैयार नहीं है। कर्मचारियों को न तो गोल्डन कार्ड का लाभ मिल पा रहा है। न ही पूर्व की तरह चिकित्सा प्रतिपूर्ति का। इस महत्वपूर्ण योजना की खामियो से राज्य के सभी कार्मिक, पेंशनर्स एवं परिवार के आश्रित सदस्य प्रभावित हैं, जिनकी संख्या कुल मिलाकर इस राज्य की लगभग 20 प्रतिशत आबादी के बराबर है।
ऐसी स्थिति मे इसकी खामियो का अपेक्षित निराकरण न होने की दशा मे राज्य की आबादी का एक बडा हिस्सा अपने अधिकारो व सुविधाओ की इस महत्वपूर्ण योजना को धरातल पर असली अमलीजामा पहनाये जाने हेतु सड़कों पर उतरने से भी नही हिचकेगा। ऐसी परिस्थिति निश्चित रूप से एक राज्य स्तरीय जन आंदोलन की चिंगारी का काम कर रही है। कोरोना काल की निकट समय मे सामान्य परिस्थिति पर सम्पूर्ण प्रदेश का कार्मिक वर्ग, पेंशनर्स और परिवार के आश्रित सदस्य एक बडी संख्या मे इसके संघर्ष में शामिल होंगे।
प्रदेश की एक बड़ी आबादी, जिसमे राज्य के कार्यरत अधिकारी, कार्मिक, शिक्षक एवं पेन्शनर्स और परिवार के आश्रित सदस्यों के रूप में लाखों लोग गोल्डन कार्ड की खामियों से जूझ रहे हैं, इसके अभाव में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से वंचित हैं, इस आधी-अधूरी योजना को प्रदेश के लाखों लोगों के हित में सीजीएचएस की तर्ज पर सभी सुविधाओं के अनुरूप बहाल कराये जाने हेतु मैं पूर्ण मनोयोग व वचनबद्धता के साथ प्रत्येक संघर्ष के लिए तैयार हैं।

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