जल संस्थान कर्मचारियों के पक्ष में आया हाईकोर्ट का फैसला
1996 से निर्धारित होना है कर्मचारियों का बढ़ा हुआ वेतन, पेंशन में भी लाभ
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
जल संस्थान में 2003 में नियमित हुए कर्मचारियों को 1996 से बढ़े वेतन का लाभ देने का आदेश हाईकोर्ट से हो चुका है। इसके बाद भी अभी तक कर्मचारियों को इस बढ़े वेतन का लाभ नहीं मिल पाया है। इसका लाभ कर्मचारियों को पेंशन में भी मिलना है।
जल संस्थान में करीब 650 1986 से 1996 तक दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करते रहे। 1996 में इन्हें दैनिक वेतन से वर्कचार्ज पर रखा गया। अक्तूबर 2003 में जाकर ये सभी कर्मचारी नियमित हो गए। कर्मचारियों ने 1996 से ही सेवा लाभ देते हुए नये सिरे से वेतन निर्धारित किए जाने की मांग की। लंबे समय तक प्रबंधन, शासन के साथ वार्ता का ही दौर चलता रहा। अंत में कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। फैसला कर्मचारियों के पक्ष में आया।
फैसले के बाद भी अभी तक कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का लाभ नहीं मिल पाया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार कर्मचारियों का 1996 से वेतन नये सिरे से निर्धारित होगा। इसका लाभ मौजूदा कर्मचारियों को तो मिलेगा ही, साथ ही जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं या होने वाले हैं, उन्हें पेंशन में भी मिलेगा। इस बढ़ने वाले खर्च को लेकर ही मैनेजमेंट थोड़ा हाथ खींच कर चल रहा है। कर्मचारी जल्द फैसला लागू न होने पर आंदोलन की तैयारी में हैं।
लोनिवि, सिंचाई में मिल चुका है लाभ
इसी तरह के प्रकरण में लोनिवि और सिंचाई विभाग में कर्मचारियों को लाभ मिल चुका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये लाभ कर्मचारियों को मिला। जल संस्थान के मामले में ये लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला है।
1996 से सेवा लाभ लेने के लिए कर्मचारियों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है। फैसला पक्ष में आया है। ऐसे में अब तत्काल कर्मचारियों को 1996 से नये सिरे से वेतन निर्धारित करते हुए लाभ दिया जाए।
गजेंद्र कपिल, महामंत्री जल संस्थान कर्मचारी संघ
हाईकोर्ट के फैसले का परीक्षण कर लिया गया है। फैसले को लागू करने पर कितना नया वित्तीय व्यय भार बढ़ेगा, उसका आंकलन किया जा रहा है। शासन से इस पूरे मामले में अग्रिम कार्रवाई को लेकर दिशा निर्देश मांगे जा रहे हैं।
एसके शर्मा, सीजीएम उत्तराखंड जल संस्थान