सचिवालय संघ ने 11 प्रतिशत डीए लागू करने को बनाया दबाव, सीएम के साथ बैठक में संघ ने 14 सूत्रीय मांगों के निस्तारण को दिया ज्ञापन, पुरानी एसीपी को लेकर जल्द 10, 16, 26 वर्ष की व्यवस्था लागू करने की मांग
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय संघ के साथ अधिकारिक बैठक की। संघ पदाधिकारियों ने 14 सूत्रीय मांगों के निस्तारण को लेकर मांग पत्र सौंपा। जल्द 11 प्रतिशत डीए लागू करने की मांग की। पुरानी एसीपी को लेकर 10, 16, 26 वर्ष की व्यवस्था लागू करने की मांग की।
सचिवालय संघ अध्यक्ष दीपक जोशी ने सीएम को स्वर्गीय प्रकाश पन्त तत्कालीन वित्त मंत्री के साथ सचिवालय संघ के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 31 जनवरी 2019 को हुए लिखित समझौते की याद दिलाई। कहा कि सभी कार्मिकों की एकसमान मांग एमएसीपी के स्थान पर एसीपी की पूर्व व्यवस्था लागू की जाए। कर्मचारियों को 10, 16, 26 वर्ष पर ही एसीपी का लाभ दिया जाए। पदोन्नति में शिथलीकरण नियमावली, 2010 को दोबारा प्रभावी किया जाए। पुरानी पेंशन की बहाली को राज्य सरकार का संकल्प पत्र केन्द्र सरकार को भेजा जाए।
पति, पत्नी के सेवारत रहने पर दोनों कार्मिकों को मकान किराया भत्ता मंजूर किया जाए। गोल्डन कार्ड की खामियों को दुरस्त कर सीजीएचएस की दरों पर योजना को संचालित किये जाने का शासनादेश जल्द जारी किया जाए। सचिवालय भत्ते की दर को मूल वेतन का 10 प्रतिशत किया जाए। सचिवालय सेवा के अधिकारियों को प्रशासकीय विभागों के सचिव आदि स्तर से उन्हें अनुमन्य कार्यावंटन से न्यूनतम कार्य दिया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध संघ स्तर से किया जा रहा है।
बैठक में अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री संजय सिंह टोलिया, सचिवालय संघ अध्यक्ष दीपक जोशी, उपाध्यक्ष सुनील लखेडा, महासचिव विमल जोशी, जेपी मैखुरी, देवेन्द्र रावत, अनिल प्रकाश उनियाल, लालमणि जोशी, किशन असवाल, उमेश कुमार, सन्दीप बिष्ट आदि मौजूद रहे।
सचिवालय परिसर में सुविधाओं का अभाव
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम के समक्ष सचिवालय परिसर की मूलभूत सुविधाओं के अभाव का मुद्दा गम्भीरता से उठाया। बताया कि किस प्रकार सचिवालय कार्मिक टीन शेड में गर्मी में बैठने को मजबूर हैं। बैठने हेतु पर्याप्त स्थान, फर्नीचर, स्टेशनरी और रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री का अभाव है। सचिवालय कार्मिकों के बच्चों हेतु क्रेच सेन्टर की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।
बाहरी अफसरों को वेतनमान के अनुरूप मिले पदनाम
सचिवालय में आईएएस सेवा को छोडकर अन्य सेवाओं यथा भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, प्रान्तीय सिविल सेवा, वित्त सेवा आदि को सचिवालय में पद चिन्हित किए जाएं। धारित वेतनमान के अनुरूप ही सचिवालय में पदनाम दिया जाए। ऐसे कम वेतनमान धारण करने वाले अधिकारियों को सीधे अपर सचिव न बनाया जाए।
अन्य मांगे
ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को सुचारू रूप से क्रियाशील किये जाने हेतु सचिवालय सेवा संवर्ग के आवश्यक पदों का सृजन
सचिवालय सेवा संवर्ग में अतिकाल वेतनमान ग्रेड वेतन 10000 के दो पदों को अतिरिक्त रूप से सृजित किया जाए
निजी सचिव संवर्ग मे भी 10000 का एक पद
लेखा संवर्ग में अपर सचिव का एक पद सृजित किया जाए
पांच साल में सचिवालय के समीक्षा अधिकारी एवं अपर निजी सचिव के पदधारकों को 5400 की अनुमन्यता
समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी व कम्प्यूटर सहायक के पदों पर पदोन्नति को जरूरी सेवा अवधि को शिथिल किया जाए
राज्य सम्पत्ति वाहन चालकों को सचिवालय प्रशासन विभाग में शामिल किया जाए
सचिवालय सुरक्षा संवर्ग की पैरिटी पुलिस विभाग से हटाकर सचिवालय सेवा के अनुरूप की जाए
सचिवालय सहायकों को तृतीय एसीपी के रूप में ग्रेड वेतन 4600 मंजूर किया जाए
सचिवालय के अनुभाग में आरसी का एक पद सृजित किये जाए
लेखा संवर्ग में कार्मिकों की कमी को देखते हुये समीक्षा अधिकारी संवर्ग के कार्मिकों का संवर्ग परिवर्तन
सचिवालय में निगम, स्वायतशासी निकाय से संविलियनित कार्मिकों की पूर्व सेवाओं को पेन्शन एवं ग्रेच्यूटी को वर्तमान सेवा से जोड़ा जाए