नदी किनारे की बजाय बीच नदी में बिछाई सीवर लाइन, छह साल में भी पूरे नहीं हुए सीवर के काम, यूपी में ब्लैक लिस्टेड कंपनी को नमामि गंगे के काम
देहरादून।
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने विधानसभा में सवाल उठाया कि जो कंपनी यूपी में ब्लैक लिस्टेड है, उसी को उत्तराखंड में नमामि गंगे का काम दिया गया। इसके साथ ही इसी कंपनी को 13 वें वित्त आयोग के तहत रिस्पना नदी किनारे सीवर लाइन बिछाने के काम दिए गए। सही प्लानिंग न होने के कारण आज भी कई क्षेत्र सीवर सिस्टम से नहीं जुड़ पाए हैं। उल्टा सीवर लाइन को नदी किनारे बिछाने की बजाय नदी के बीच में बिछा दिया गया है।
जिस कारण बरसात में कभी भी नदी का पानी मेनहॉल चैंबर को तोड़ कर ट्रंक सीवर में घुस सकता है। इससे निचले क्षेत्र में आवासीय कालोनियों, क्षेत्रवासियों के मकानों और जान माल का खतरा पैदा हो गया है। क्या सरकार भविष्य में ऐसी कोई बड़ी घटना रोकने को जरूरी कदम उठाएगी। सम्बन्धित ठेकेदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। पेयजल निगम ने 13 वें वित्त में छह साल बाद भी सीवर लाइनों का काम पूरा नहीं किया है। इस पर प्रश्नकाल में विधायक उमेश शर्मा काऊ ने सवाल उठाए।
कहा कि ये कार्य कब पूरे होंगे। इन योजनाओं के लिए जो बजट था, वो सड़क निर्माण के नाम पर खर्च कर दिया गया। इसके कारण कहीं मेन लाइन, तो कहीं ब्रांच लाइन का काम अधूरा पड़ा हुआ है। पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट मिलने पर ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। जो क्षेत्र जुड़ नहीं पाए हैं, उनके लिए रिवाइज इस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। रिवाइज इस्टीमेट 42.15 करोड़ का तैयार किया गया है।
ट्यूबवेल बना, तो पंप हाउस नहीं
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने सवाल उठाया कि उनकी विधानसभा रायपुर में कई स्थानों में योजनाएं सात साल से अधूरी पड़ी हैं। कहीं ट्यूबवेल बोर हुआ है, तो पंप हाउस का पता नहीं है। कहीं पंप हाउस बन गया है, तो पेयजल लाइन अधूरी पड़ी है। पांच सीवर और पेयजल योजनाओं के काम अधूरे पड़े हैं। सीएम घोषणा होने के बाद भी इन पर काम नहीं हुआ। पेयजल मंत्री ने कहा कि 4.42 करोड़ का इस्टीमेट बनाया गया है। काम जल्द पूरे होंगे।