नदी के बीच में बिछाई सीवर लाइन, बैठी जांच, रिस्पना नदी के ठीक बीच में बिछाई गई मेन सीवर लाइन, अब गलियों से आने वाली ब्रांच सीवर लाइन को जोड़ने में आ रही दिक्कत
देहरादून।
रिस्पना नदी के ठीक बीचों बीच जल निगम के इंजीनियरों ने सीवर लाइन बिछा दी है। अब यही सीवर लाइन सिरदर्द बन गई है। 160 करोड़ के इस काम में हुई गड़बड़ी की जांच बैठा दी गई है। मुख्य अभियंता मुख्यालय केके रस्तोगी को जांच अधिकारी बनाया गया है।
पेयजल निगम दून शाखा ने कुछ समय पहले रिस्पना नदी में सीवर लाइन बिछाई। सीवर लाइन नदी के किनारों पर बिछाने की बजाय ठीक बीचों बीच बना दी। लाइन के चैंबर भी पांच से दस फुट ऊंचाई के बिना दिए गए हैं। जो ठीक नदी के बीच में मिनार जैसे नजर आ रही हैं। अब इस मेन सीवर लाइन में जब गलियों से आने वाली ब्रांच लाइन बिछाने का समय आया, तो इंजीनियरों के कान खड़े हो गए। क्योंकि ब्रांच लाइन को मेन लाइन में जोड़ने से भारी बरसात के समय इन ब्रांच लाइनों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता। क्योंकि बरसात में रिस्पना नदी में फ्लड तेज बहाव के साथ आता है।
अब ब्रांच लाइनों को अंडरग्राउंड बिछाने की तैयारी हो रही है। उसके बावजूद मीनार जैसे चैंबर और नदी के बीच में बिछाई सीवर लाइन किसी के गले नहीं उतर रही। ऊपर से इस काम पर 160 करोड़ रुपये तक खर्च कर दिया गया। इन तमाम गड़बड़ियों पर शासन के निर्देश पर मुख्य अभियंता मुख्यालय को जांच अधिकारी बनाया गया है।
बड़ी संख्या में इंजीनियर आएंगे लपेटे में
इस जांच में सिर्फ एक दो, नहीं बल्कि बड़ी संख्या में कई इंजीनियर लपेटे में आएंगे। क्योंकि शहरों के बीचों बीच, विधानसभा के पास इस तरह के हुए काम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एमडी, मुख्य अभियंता, एसई, एक्सईएन समेत तमाम इंजीनियरों ने क्यों फील्ड में हो रहे, इस तरह के काम को नहीं देखा।
चैंबर टूटे, तो होगा भारी नुकसान
मिनारनुमा बने चैंबर यदि भविष्य में पानी के तेज बहाव में टूटे, तो चैंबरों में फ्लड का पानी घुसा, तो इससे बड़े इलाके को बड़ा नुकसान हो सकता है। क्योंकि ये पानी कई सीवर लाइन, चैंबरों को नुकसान पहुंचाया जाएगा। इससे रिस्पना किनारे विधानसभा की बाउंड्रीवाल समेत तमाम दूसरे संस्थानों को भी नुकसान पहुंचेगा।
पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। ड्रोन से पूरे क्षेत्र की फोटोग्राफी कराई गई है। जांच के प्रारंभिक स्तर पर कई कमियां मिली हैं। अभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जैसे ही रिपोर्ट फाइनल होगी, उसे एमडी के समक्ष रख दिया जाएगा।
केके रस्तोगी, मुख्य अभियंता मुख्यालय