देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बड़े बेटे दिवाकर का शनिवार को यज्ञोपवीत संस्कार(ब्रतपन) हरिद्वार में गंगनहर के किनारे संपन्न हुआ। इस संस्कार की खास बात ये रही कि इसका आयोजन मुख्यमंत्री के बेटे के यज्ञोपवीत संस्कार के रूप में बहुत भव्य रूप में नहीं हुआ, बल्कि बेहद सामान्य और सूक्ष्म रूप में हुआ। एक मुख्य सेवक के रूप में ही सीएम ने अपने पुत्र का हरिद्वार में गंगा किनारे इस आयोजन को कर सादगी की नई मिसाल कायम की।
उत्तराखंड में यज्ञोपवीत संस्कार को एक बड़ा आयोजन माना जाता है। उत्तराखंड में इसका बड़ा महत्व है। सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी इस आयोजन को अपने सामर्थ्य के अनुरूप भव्य रूप देता है। ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी का अपने पुत्र का यज्ञोपवीत संस्कार चुपचाप बेहद सादगी से हरिद्वार में गंगा किनारे कराना चौंकाने वाला रहा। सीएम अपने परिवार समेत शुक्रवार रात ही हरिद्वार पहुंच गए थे। यज्ञोपवीत से जुड़े सभी संस्कार बेहद सादगी से संपन्न कराए गए। शनिवार गंगा किनारे यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न हुआ।
इस दौरान सीएम धामी पूरी तरह पारिवार में रमे नजर आए। कार्यक्रम में बेहद सीमित पारिवारिक लोगों की ही मौजूदगी रही। हरिद्वार के भी भाजपा नेता और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं थे। कोई भी वीआईपी यहां नजर नहीं आया।
सीएम ने कार्यक्रम को पूरी तरह पारिवारिक बना कर रखा। मां बिशना देवी, पत्नी गीता धामी, पुत्र प्रभाकर समेत परिवार के ही कुछ लोग मौजूद रहे। इस पूरे कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी वाली सादगी नजर आई। सीएम धामी सीएम आवास के सभागार को भी मुख्य सेवक सदन घोषित कर चुके हैं। स्वयं को कहीं भी सीएम के तौर पर पेश नहीं करते हैं, बल्कि स्वयं को मुख्य सेवक के रूप में जनता के सामने रखते हैं।