गांव गांव सड़क पहुंचाने को ब्लॉस्टिंग से सूख रहे स्रोत, स्रोतों के संरक्षण को चौड़ी पत्ती वाले पेड़ लगाए जाएंगे, दो करोड़ से नीचे के इस्टीमेट सीधे डीएम से कराएं मंजूर 

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गांव गांव सड़क पहुंचाने को ब्लॉस्टिंग से सूख रहे स्रोत, स्रोतों के संरक्षण को चौड़ी पत्ती वाले पेड़ लगाए जाएंगे, दो करोड़ से नीचे के इस्टीमेट सीधे डीएम से कराएं मंजूर

देहरादून।

पेयजल मंत्री बिशन सिंह ने स्रोतों के सूखने की एक बड़ी वजह गांव गांव सड़क पहुंचना और सड़क बनाने को होने वाले ब्लॉस्टिंग भी बताई। कहा कि लगातार होने वाले ब्लॉस्टिंग से स्रोतों पर असर पड़ रहा है।
कहा कि रोड साइड वाली ग्राम पंचायतों में टैंकर से पानी पहुंचाया जाए। 100 ग्राम पंचायतों ऐसी बताई जा रही हैं। 200 मीटर या 500 मीटर से एक किमी से अधिक दूरी वाले गांवों में खच्चर से पानी पहुंचाया जाए। क्योंकि इस बार न पर्याप्त पानी बारिश हुई है, न ही बर्फवारी। इससे स्रोतों के डिस्चार्ज पर बड़ा असर पड़ा है। जल जीवन मिशन के लिए साफ किया कि जिन घरों में नल पहुंच गए हैं, वहां पानी भी हर हाल में पहुंचाया जाए। जहां पानी कम हैं, वहां नये स्रोत तलाशे जाएं।
कहा कि सोलर पम्पिंग स्कीम तैयार की जाएं। कहा कि ऐसी करीब 100 योजनाओं के इस्टीमेट तैयार हैं। उन्हें जल्द मंजूर कर उन पर काम किया जाए। इसके लिए दो करोड़ से नीचे वाले प्रोजेक्ट की मंजूरी डीएम स्तर से ही ले ली जाए। राज्य स्तरीय बैठकें तय समय पर कराई जाएं। ठेकेदारों की कमी को दूर किया जाए। टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़ पेयजल के लिहाज से सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र हैं। स्रोतों को रिचार्ज किए जाने को चौड़ी पत्ती वाले पेड़ों पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग से संपर्क किया जाएगा।

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