राज्य निगम कर्मचारी महासंघ ने उठाई आवाज, राज्य कर्मचारियों की भांति सुविधाएं नहीं मिलने पर जताई नाराजगी, मकान किराया भत्ता, अटल आयुष्मान, एमएसीपी का नहीं मिला लाभ
देहरादून।
राज्य निगम कर्मचारी महासंघ की बैठक में लंबे समय से लंबित मांगों का निस्तारण न होने पर नाराजगी जताई गई। राज्य कर्मचारियों के समान सभी सुविधाएं सीधे न मिलने पर भी रोष प्रकट किया गया। तय हुआ कि जल्द प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसमें आगे के आंदोलन की रणनीति तय होगी।
एमडीडीए संघ भवन में हुई महासंघ की बैठक में निगमों, निकायों, जल संस्थान, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों की समस्याओं पर चर्चा की गई। अध्यक्ष संतोष रावत व महामंत्री सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने कहा कि अटल आयुष्माश्न योजना के गोल्डन कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही गोल्डन कार्ड की खामियों को भी दूर किया जाए। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों के लिए होने वाले शासनादेश को एक समान रूप से निगमों, निकायों के लिए उसी तारीख को किया जाए।
कहा कि निगमों में एसीपी की व्यवस्था पूर्व की भांति 10, 16, 26 वर्ष की जाए। 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते को राजकीय कर्मचारियों की भांति एक साथ समस्त निगम, निकाय कर्मचारियों को भी लाभ दिया जाए। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष गजेंद्र कपिल, अजयकांत शर्मा, हरदेव सिंह रावत, रमेश चंद्र नेगी, अशोक शर्मा, गुरमीत सिंह, ललित रावत, रविनंदन कुमार, जगदीश बहुगुणा, हरि सिंह आदि मौजूद रहे।
बढ़े हुए आवास भत्ते का लाभ दिया जाए
रोडवेज, जीएमवीएन, बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम, अल्पसंख्यक कल्याण निगम में सातवें वेतनमान में बढ़े हुए मकान किराया भत्ता मूल वेतन के सापेक्ष लागू किया जाए। अभी तक ये लाभ इन निगमों को नहीं मिल पाया है।
आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण को बने नियमावली
महासंघ ने राज्य के समस्त विभागों में कार्यरत संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, विशेष श्रेणी, वाह्य स्रोत, चालक, परिचालक, तकनीकी, उपनल कर्मचारियों निश्चित समयावधि के तहत नियमावली बनाई जाए। सभी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए।
अन्य प्रमुख मांगे
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अन्य संवर्गों की भांति स्टाफिंग पैटर्न का लाभ देते हुए ग्रेड वेतन 4200 का अधिकतम लाभ दिया जाए।
पदोन्नति में शिथिलिकरण नियमावली 2010 को लागू करते हुए लाभ दिया जाए।
वन विकास निगम और रोडवेज में स्पेशल आडिट में लगाई गई आपत्ति से होने वाली वसूली को समाप्त कराया जाए।
जल संस्थान के कर्मचारियों को भी लोनिवि, सिंचाई विभाग की तरह वर्कचार्ज सेवा का लाभ दिया जाए।
जिला पंचायतों के अधिकारी, कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा बनी सहमति के अनुसार तत्काल कार्यवाही की जाए।
जीएमवीएन को आर्थिक संकट से उबारने को 50 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
विकास प्राधिकरणों में यूपी की तर्ज पर पेंशन व्यवस्था लागू की जाए
रोडवेज को कार्यों एवं वेतन के समयबद्ध समाधान के लिए यूपी, हिमाचल की वार्षिक बजट दिया जाए