पेयजल के राजकीयकरण को सीएम से मिली समन्वय समिति, एकीकरण के साथ राजकीयकरण को बनाया दबाव
देहरादून।
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ,उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा दिए गए आंदोलन नोटिस के क्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा आज समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए मुख्यमंत्री आवास (कैंट), देहरादून बुलाया गया. वार्ता में प्रतिनिधि मंडल द्वारा माननीय मंत्री जी को अवगत कराया गया कि समिति की एकमात्र मांग पेयजल निगम के राजकीयकरण की है तथा इसके अतिरिक्त कोई अन्य मांग नहीं है। पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान के राजकीयकरण होने से सबसे अधिक लाभ उत्तराखण्ड राज्य की जनता को होगा तथा पेयजल समस्या के समाधान हेतु एकल उत्तरदायी विभाग के होने से पेयजल योजनाओं की उपादेयता बढ़ेगी तथा अनावश्यक / दोहरे अलाभकारी निर्माण की समस्या समाप्त होगी। उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान के एकीकरण व राजकीयकरण होने से अधिष्ठान व्यय में कटौती होगी, जो उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य हेतु अत्यन्त लाभदायक है। माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा आश्वस्त किया गया कि उनकी मांग को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मांग पत्र पर शीघ्र निर्णय करने हेतु मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए.
प्रतिनिधिमंडल में अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष इंजीनियर जितेंद्र सिंह देव, पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इंजीनियर पीएस रावत,सहायक अभियंता एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर सौरभ शर्मा, डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रांतीय महासचिव इंजीनियर अजय बेलवाल ,पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री विजय खाली व महासचिव श्री धर्मेंद्र चौधरी, जल संस्थान जल निगम मजदूर यूनियन के उपाध्यक्ष श्री मनमोहन सिंह नेगी तथा लाल झंडा मजदूर यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मी चंद्र भट्ट पूर्व महासचिव श्री ईश्वर पाल शर्मा व उपाध्यक्ष श्री विशेष शर्मा उपस्थित रहे.