मंत्री बन रहे सुपर सीएम, कांग्रेस ने उठाए सवाल, सैन्य धाम निर्माण समिति को निरस्त किए जाने पर जताई कड़ी आपत्ति, प्रवक्ता गरिमा दसौनी बोलीं, मंत्रियों की मनमानी के बाद भी मौन क्यों हैं सीएम
देहरादून।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्या एवं उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने तीरथ सरकार के मंत्रियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के सैन्य धाम निर्माण समिति को निरस्त किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
कहा कि इसमें पूर्व में यह समिति पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने गठित की। इसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव कर रहे थे। इसमें कोई दो राय नही कि गणेश जोशी समिति को निरस्त करने को अधिकृत हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री को अध्यक्ष नामित करने का मंत्री गणेश जोशी को अधिकार आखिर किसने दिया। दसौनी ने कहा कि क्या प्रदेश में गंगा उलटी बहने लगी है और मंत्री अपने मनमानी में उतर आये हैं। यह पहली बार नही है कि किसी मंत्री ने प्रोटोकाल तोड़ा हो। इससे पहले भी कर्मकार कल्याण बोर्ड में कुछ इसी तरह की अराजकताएं सामने आईं।
कर्मकार कल्याण बोर्ड में घोटाले की पुष्टि होने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने बोर्ड अध्यक्ष पद से मंत्री हरक सिह को हटा दिया। उसके बाद लगभग 38 कर्मचारियों की नियुक्ति घोटाले के आरोप में जांच बैठाई गई। 20 करोड़ रूपये का घोटाला जग जाहिर है। जिसकी बाद में वसूली भी हुई। आईएएस वी षणमुगम की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि भी हुई। नेतृत्व परिवर्तन के बाद ना सिर्फ इस विभाग की जांच रोक दी गई बल्कि बाहर किए गए कर्मचारियों को बहाल किए जाने की तैयारी चल रही है। कहा कि जब मंत्री हरक सिंह को बोर्ड अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है, तो वो क्यों लगातार बोर्ड के कार्यों में दखल दे रहे हैं। उन्होंने सीएम तीरथ रावत से भी सवाल किया कि आखिर प्रदेश में मंत्रियों की मनमानी पर सीएम मौन क्यों साधे हुए हैं।