सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साह में निगम कर्मचारी, वेतन, पेंशन भुगतान में देरी होने पर ब्याज देने के सुप्रीम कोर्ट ने किए हैं आदेश 

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्साह में निगम कर्मचारी, वेतन, पेंशन भुगतान में देरी होने पर ब्याज देने के सुप्रीम कोर्ट ने किए हैं आदेश

देहरादून।

सरकारी विभाग, निगमों में कर्मचारियों, पेंशनर्स को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वेतन, पेंशन भुगतान में देरी होने पर ब्याज समेत भुगतान करना होगा। इसका लाभ उत्तराखंड के उन विभागों, निगम, निकायों के कर्मचारियों को मिलेगा, जहां कभी भी वेतन समय पर नहीं मिलता।
राज्य में जल निगम, जीएमवीएन, रोडवेज, निकायों, पंचायतों में कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान नहीं होता। यही स्थिति इन निगमों में पेंशनर्स की है। वेतन, पेंशन भुगतान को कर्मचारियों, पेंशनर्स को शासन के चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ते हैं। कभी चार महीने बाद तो कभी तीन महीने बाद वेतन, पेंशन का भुगतान होता है। अब इस देरी पर वेतन, पेंशन का भुगतान ब्याज समेत होगा।
रामकुमार, अध्यक्ष जल निगम डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से जल निगम डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ को भी बल मिला है। संघ ने एक्ट के अनुसार समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने को हाईकोर्ट में केस किया है। इसकी सुनवाई लंबित है। संघ अध्यक्ष रामकुमार ने कहा कि पूर्व में भी आदेश हो चुके हैं। इसके बाद भी वेतन, पेंशन समय सुनिश्चित नहीं कराया जाता। इसे लेकर हाईकोर्ट में केस भी दाखिल किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लाभ हाईकोर्ट में लंबित सुनवाई में भी मिलेगा।
प्रवीन रावत, महामंत्री पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन जल निगम ने कहा कि जल निगम पेंशनर्स की सबसे बुरी स्थिति है। यहां तीन से चार महीने का इंतजार कराया जाता है। वो भी समय पर पेंशन का भुगतान नहीं होता। जबकि पेंशनर्स को सबसे अधिक समय पर पेंशन भुगतान की जरूरत होती है।

वेतन, पेंशन का भुगतान समय पर ही होना चाहिए। ये कर्मचारी, पेंशनर्स का मौलिक अधिकार है। इसमें यदि देरी होती है, तो लंबित भुगतान पर ब्याज मिलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से एक उम्मीद जगी है।
आशीष उनियाल, जीएमवीएन कर्मचारी संगठन

वेतन भुगतान के मामले में निगमों की सबसे बुरी स्थिति है। यहां कहीं चार चार महीने तक वेतन, पेंशन का भुगतान नहीं होता। ऐसे में अंदाजा लगाएं कि उन परिवारों की आर्थिक स्थिति क्या रहती होगी। कोर्ट के आदेश से कर्मचारी, पेंशनर्स में एक उम्मीद जगी है।
वीएस रावत, महामंत्री राज्य निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ

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