प्राइवेट कंसल्टेंसी के खिलाफ स्वजल कर्मचारी, छह महीने से वेतन न मिलने पर कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर, जल जीवन मिशन पर असर
देहरादून।
स्वजल कर्मचारी संघ से जुड़े कर्मचारी प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार पर हैं। छह महीने से वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने शासन, प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पुराने कर्मचारियों को वेतन देने की बजाय प्राइवेट कंसल्टेंसी पर पैसे लुटाने की तैयारी का आरोप लगाया। साफ किया कि जब तक नियमित वेतन भुगतान, सेवा विस्तार की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हो जाती, आंदोलन जारी रहेगा। ऐसा हुआ, तो प्रदेश स्तर पर जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल के लक्ष्य अधर में लटक जाएंगे।
स्वजल कर्मचारी पिछले सप्ताह से कार्यबहिष्कार पर हैं। सोमवार को भी प्रदेश भर के कार्यालयों से लेकर फील्ड में कर्मचारियों ने काम नहीं किया। कर्मचारी संघ अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, महासचिव अरविंद पयाल ने कहा कि अब कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है। कहा कि कर्मचारियों को वेतन देने को शासन तैयार नहीं है। दूसरी ओर महंगे प्राइवेट कंसल्टेंट रखने की तैयारी है।
कहा कि शासन में बैठे अफसरों को कर्मचारियों के अथक प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। कर्मचारियों की मेहनत के दम पर उत्तराखंड ने ओडीएफ के मामले में पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई। शत प्रतिशत ओडीएफ का लक्ष्य पूरा किया। स्वच्छ भारत मिशन में भी इतना बेहतरीन काम किया कि केंद्र सरकार ने भी 91 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी। इसके बाद भी इस लक्ष्य को हासिल करने वाले कर्मचारियों को पिछले साल से सेवा विस्तार नहीं दिया गया। फरवरी से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। फाइल शासन के वित्त विभाग में धूल फांक रही है। अफसरशाही के अड़ियल रवैये का खामियाजा प्रदेश के साढ़े तीन सौ स्वजल कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में इस बार आंदोलन जारी रहेगा। जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भी कोई काम नहीं किया जाएगा।