देहरादून।
उत्तराखंड में दुर्गम क्षेत्रों को स्वास्थ्य सेवाओं के दायरे में लाने के लिए टेली मेडिशन सुविधा को बढ़ावा दिया जाएगा। इसका विस्तार होगा। गांवों में घर घर तक जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। सचिव स्वास्थ्य डा. आर राजेश कुमार ने विभाग में अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि राज्य में मातृ शिशु मृत्यु दर को पूरी तरह शून्य पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
स्वास्थ्य महानिदेशालय में पत्रकारों से बातचीत में सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि घर घर तक जीवन रक्षक दवाएं पहुंच सकें, ये सुनिश्चित कराया जाएगा। प्रदेश में टेली मेडिशन सेवा को बढ़ावा देने को कनेक्टिविटी को मजबूत किया जाएगा। इसके जरिए टेली कंसलटेंसी को शुरू किया जाएगा। अभी तक 35 स्वास्थ्य केंद्रों को टेलीमेडिशन से जोड़ा गया है। इनकी संख्या पहले 100 और फिर 400 तक पहुंचाई जाएगी। कहा कि राज्य में मातृ शिशु मृत्यु दर को पूरी तरह रोका जाएगा। इसके लिए शत प्रतिशत स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव सुनिश्चित कराया जाएगा। झोलझाप डॉक्टरों, अपंजीकृत स्वास्थ्य केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अस्पतालों में मरीजों की तुलना में डॉक्टर और स्टाफ के अनुपात को बढ़ाया जाएगा।
सीएमओ समेत तमाम दूसरे स्वास्थ्य अधिकारियों का फील्ड विजिट भी सुनिश्चित कराएंगे। ताकि ग्राउंड की असल तस्वीर सामने आ सकें। वे स्वयं भी लगातार जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी का निरीक्षण करेंगे। प्रयास किया जाएगा कि हर जिला आपदा प्रबंधन केंद्र में एक स्वास्थ्य से जुड़ा कर्मचारी भी तैनात हो। हर डॉक्टर, स्टाफ, एनएचएम के 3000 हजार कर्मचारियों की हाजिरी सुनिश्चित कराई जाएगी। बिना किसी पूर्व सूचना के गैर हाजिरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता तक सरकारी योजनाओं की जानकारी सही तरीके से पहुंच सके, इस दिशा में प्रयास किया जाएगा।
कोविड को लेकर एसओपी जारी होगी
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि कोविड को लेकर जल्द एसओपी जारी होगी। सैंपलिंग को बढ़ाया जाएगा। सर्विलांस सिस्टम को मजबूत किया जाएगा। कहा कि इस बार डेंगू से निपटने को विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
क्विक रिस्पांस टीम का होगा गठन
कहा कि अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया जाएगा। ताकि अल्ट्रासाउंड व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं का पता चले। अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी। जो कि अस्पतालों का औचक निरीक्षण नियमित तौर पर करती रहेगी।
निजी प्रैक्टिस पर होगी कार्रवाई
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाई जाएगी। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। एम्बुलेंस माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।