मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की शासन से वार्ता विफल, शासन की दो टूक, एसीपी और स्टाफिंग पैटर्न से मिलेगा सिर्फ एक लाभ, कर्मचारी संगठन को शासन ने विकल्पों पर विचार करने को दिए प्रस्ताव 

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मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की शासन से वार्ता विफल, शासन की दो टूक, एसीपी और स्टाफिंग पैटर्न से मिलेगा सिर्फ एक लाभ, कर्मचारी संगठन को शासन ने विकल्पों पर विचार करने को दिए प्रस्ताव

देहरादून।

उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन की सचिव वित्त सौजन्या से वार्ता विफल रही। सचिव वित्त ने एसोसिएशन को दो टूक साफ किया कि अब आगे से उन्हें एसीपी और स्टाफिंग पैटर्न में से किसी एक का ही लाभ मिलेगा। इसके लिए शासन ने एसोसिएशन को विकल्पों पर विचार करने का प्रस्ताव दिया।
एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को कार्यबहिष्कार के बीच शासन ने वार्ता को बुलाया। शासन के समक्ष पदाधिकारियों ने मिनिस्टीरियल कर्मचारियों से हो रही वसूली का विरोध किया। प्रदेश महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि शासन नियमों की गलत व्याख्या कर रहा है। इसी के कारण वसूली के आदेश जारी किए गए हैं। जबकि कर्मचारियों को कभी कोई दोहरा लाभ नहीं मिला। इस पर सचिव वित्त सौजन्या ने साफ किया कि ये कर्मचारी एसोसिएशन को तय करना होगा कि उन्हें भविष्य में एसीपी चाहिए, या फिर स्टाफिंग पैटर्न। दोनों का लाभ एक साथ नहीं दिया जा सकता, न ही दिया जाएगा। एसोसिएशन को इस प्रस्ताव पर विचार करने को कहा गया।
महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल ने बताया कि वार्ता में कोई बात तय नहीं हो पाई। अभी दोबारा वार्ता को बुलाया गया है। तब तक कुछ विचार कर आगे की रणनीति तय की जाएगी। शासन को ये साफ कर दिया गया है कि किसी भी सूरत में कर्मचारियों से वसूली बर्दाश्त नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल में सुभाष देवलियाल, बद्री प्रसाद सकलानी, सुभाष रतूड़ी, दीप चंद्र बुड़लाकोटी, जमना प्रसाद भट्ट, मुकेश बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

कार्यबहिष्कार रहा जारी, गुरुवार को अंतिम दिन
एसोसिएशन का प्रदेश भर में कार्यबहिष्कार बुधवार को भी जारी रहा। विभागों में कर्मचारियों ने सुबह दस से 12 बजे तक काम नहीं किया। अपने अपने कार्यालयों में एकत्र होकर सरकार की ओर से की जा रही वसूली के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया। पदाधिकारियों से लेकर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई कि रिटायर होने और सालों बाद किस तरह कर्मचारियों से चार से पांच लाख की वसूली की जा रही है। वसूली उन लोगों से की जाएगी, जिनके कारण ये असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। कर्मचारियों से वसूली और पेंशनर्स की पेंशन रोकने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई।

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