सहकारी बैंकों से शिक्षकों को भी मिलेगा ऋण, कैश क्रेडिट कर्मचारी ऋण योजना में शिक्षक भी किए शामिल, अब दो साल की सेवा के बाद ही सभी कर्मचारियों को एक समान रूप से मिल सकेगा 25 लाख तक का ऋण 

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सहकारी बैंकों से शिक्षकों को भी मिलेगा ऋण, कैश क्रेडिट कर्मचारी ऋण योजना में शिक्षक भी किए शामिल, अब दो साल की सेवा के बाद ही सभी कर्मचारियों को एक समान रूप से मिल सकेगा 25 लाख तक का ऋण

देहरादून।

सहकारी बैंकों की कैश क्रेडिट कर्मचारी ऋण योजना में राजकीय प्राथमिक शिक्षक और अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को भी लाभ मिलेगा। इसके लिए रजिस्ट्रार सहकारिता बीएम मिश्र ने संशोधित आदेश जारी कर दिया है। अब नये पुराने सभी कर्मचारियों को अधिकतम 25 लाख तक का ऋण मिलेगा। इसके लिए भी आदेश में संशोधन किया गया है। पहले अधिकतम ऋण 15 लाख और वो भी सेवाकाल के अनुसार तय होता था।
नये संशोधित आदेश के अनुसार अब सभी सरकारी विभाग, जिला सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंकों के कर्मचारी, अधिकारियों के साथ ही पैक्स कैडर सेवा के सचिवों के साथ प्राथमिक शिक्षक और अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को भी इस दायरे में शामिल कर दिया गया है। इससे राज्य के हजारों शिक्षकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। पहले ऋण मूल वेतन और महंगाई भत्ता का 25 गुना मिलता था। इसे बढ़ा कर अब 35 गुना कर दिया गया है। अब दो वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद किसी भी कर्मचारी को अधिकतम ऋण मिल सकेगा।
इस नये संशोधन से राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। क्योंकि राज्य में पहाड़ी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों के खाते जिला सहकारी बैंकों में हैं। ऐसे में भवन, शिक्षा, पर्सनल लोन कर्मचारियों को आसानी से सहकारी बैंकों से मिल सकेगा।

टिहरी अध्यक्ष की मांग पर हुई कार्रवाई
सभी शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों को इस योजना के दायरे में लाने और ऋण सीमा बढ़ाने की मांग टिहरी जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष सुभाष रमोला ने की। टिहरी बैंक से प्रस्ताव पास कर रजिस्ट्रार कॉपरेटिव के पास भेजा गया। सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत से अधिकतम सीमा 25 लाख करने और नये कर्मचारियों को भी अधिकतम सीमा तक ऋण का लाभ देने की मांग की। मांग पूरी होने पर उन्होंने सहकारिता मंत्री का आभार जताया।

ऋण में एक प्रतिशत की छूट का लाभ
कॉपरेटिव बैंकों में बैंक और सहकारिता से जुड़े कर्मचारियों को ही लोन की सभी श्रेणियों में एक प्रतिशत की विशेष छूट मिलती है। इसके अलावा दूसरे कर्मचारियों को छूट तो नहीं मिलती, लेकिन सहकारी बैंक की प्रोसेसिंग फीस के साथ हैंडलिंग चार्ज बाकि बैंकों से कम हैं। सहकारी बैंकों में होम लोन 9 प्रतिशत, शिक्षा लोन 11 प्रतिशत और पर्सनल लोन 11 प्रतिशत की दर पर मिलता है।

सर्विस टाइम से मिली छूट
संशोधन के बाद लोन लेने में सर्विस टाइम का पेंच दूर हो गया है। पहले जिन कर्मचारियों की नौकरी तीन से 10 वर्ष के बीच की होती थी, उन्हें अधिकतम दस लाख रुपये, 10 से 15 वर्ष की सेवा पर 15 लाख, 15 से 20 वर्ष की सेवा पर 20 लाख, 20 वर्ष से अधिक की सेवा पर 25 लाख का लोन मिलता था। अब दो वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद सभी को 25 लाख तक लोन मिलेगा।

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
संविदा, उपनल, पीआरडी, दैनिक वेतन कर्मचारी क्रैश क्रेडिट योजना के दायरे में नहीं आएंगे। उन्हें उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

कैश क्रेडिट योजना में शिक्षकों को भी शामिल कर दिया गया है। अब सभी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों, प्राथमिक शिक्षकों को भी लाभ दिया जाएगा। न्यूनतम दो साल की सेवा के बाद अधिकतम 25 लाख तक का ऋण मिलेगा। इससे बैंकों का कारोबार बढ़ेगा, तो कर्मचारी, शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
धन सिंह रावत, सहकारिता राज्य मंत्री

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