सीएम से मिले तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग, चारों धामों को लेकर पूर्व की स्थिति को बहाल करने पर दिया जोर
देहरादून।
चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत ने सीएम से मिल कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। सीएम के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए तत्काल इस दिशा में ठोस कार्रवाई की मांग की। तत्काल पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग की।
महापंचायत के प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड से वहां भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। इस एक्ट के जरिए सरकार इन तीर्थ स्थलों, धामों की संपूर्ण व्यवस्था को अपने हाथों में रखना चाहती है। प्रशासनिक अधिकारियों के हाथों में रखने की मंशा पाले हैं। भले ही इसके लिए वहां स्थानीय हक हकूकधारियों के अधिकारों की बलि चढ़ जाए। इस एक्ट से जो विवाद व भ्रम की स्थिति पैदा हुई है, उसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार है।
कहा कि सरकार ने एक्ट बनाने से पहले स्थानीय लोगों से किसी प्रकार का संवाद नहीं किया। बिना विश्वास में लिए एक्ट को विधानसभा से पारित करवा दिया। केदारनाथ और बदरीनाथ महज मंदिर नहीं धाम हैं। जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे तीर्थ स्थानों को शास्त्र सम्मत मान्यताएं हैं। सरकार ने इन धामों के लिए देश के जिन मंदिरों का मॉडल लिया है, धाम नहीं हैं। वो तीर्थों के अनुसार शास्त्र सम्मत नहीं हैं। जो एक्ट सरकार ने बनाया है, उसमें स्थानीय हक हकूकधारी, पंडा पुरोहितों, रावल, पुजारियों के अधिकारों का हनन होता है। ऐसे में तत्काल पूर्व व्यवस्था बहाल हो। पदाधिकारियों ने दावा किया कि सीएम ने उन्हें जल्द ठोस कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।