जल निगम की 2005 की भर्ती भी विवादों में, राज्य की एजेंसियों को छोड़ कर पंजाब यूनिवर्सिटी से कराई गई थी परीक्षा, बड़ी संख्या में नियम विरुद्ध राज्य से बाहर के युवाओं का हुआ था चयन

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जल निगम की 2005 की भर्ती भी विवादों में, राज्य की एजेंसियों को छोड़ कर पंजाब यूनिवर्सिटी से कराई गई थी परीक्षा, बड़ी संख्या में नियम विरुद्ध राज्य से बाहर के युवाओं का हुआ था चयन

पेयजल निगम की 2005 की एई और जेई की भर्ती परीक्षा भी विवादों में है। निगम प्रबंधन ने राज्य की एजेंसियों को छोड़ पहले तो पंजाब यूनिवर्सिटी से परीक्षा कराई। उसके बाद बड़ी संख्या में नियम विरुद्ध राज्य से बाहर के युवाओं का चयन कर लिया। इसमें आरक्षण मानकों का भी बड़े पैमाने पर अनदेखी की गई।
पेयजल निगम ने 2005 में असिस्टेंट इंजीनियर 70 और जूनियर इंजीनियर के 241 पदों पर पंजाब यूनिवर्सिटी से परीक्षा कराई। पंजाब यूनिवर्सिटी ने परीक्षा कराने के बाद रिजल्ट जारी कर मेरिट लिस्ट मैनेजमेंट को सौंप दी। इंटरव्यू के दौरान कागजों की पड़ताल के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली हुई। इसी धांधली के कारण यूपी, बिहार, दिल्ली समेत दूसरे राज्यों के अनुसूचित जाति और महिलाओं को राज्य के आरक्षण कोटे का लाभ देकर नियुक्त कर लिया गया। जबकि ये पूरी तरह नियम विरुद्ध था। जबकि इन लोगों के प्रमाण पत्रों में साफ उल्लेख था कि वे इस राज्य के नहीं हैं।
इसी तरह गजब तरीके से एक ही इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों का बड़े पैमाने पर चयन होना भी सवाल खड़े कर रहा है। मेरिट भी बहुत हाई गई। गजब ये है कि 2005 में जिस कालेज के बड़ी संख्या में छात्र चयनित हुए, 2007 की परीक्षा में नतीजा लगभग नगण्य रहा। एक पहलू और भी दिलचस्प रहा। 2005 में जो लोग चयनित होकर एई बने, वे दोबारा 2007 की परीक्षा में फिर बैठे और फेल हो गए। जबकि वे पहले से ही समान पद पर तैनात थे। इन तमाम गड़बड़ियों को 17 साल से जांच के नाम पर सिर्फ उलझाया जा रहा है। सचिव पेयजल नितेश झा का कहना है कि आरक्षण की गड़बड़ी वाले मसले पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।

जल निगम वालों का जल संस्थान में चयन
जल निगम के 2007 बैच के जूनियर इंजीनियरों का बड़ी संख्या में 2011 में जल संस्थान में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर चयन हुआ। हालांकि ये 2011 में इन इंजीनियरों का चयन लोक सेवा आयोग के स्तर पर हुआ। बाद में इस बैच को लेकर वरिष्ठता का विवाद खड़ा हुआ, जो आज तक जारी है।

हर विभाग में हाकम गैंग की चर्चा
जल निगम, जल संस्थान, यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएल समेत हर इंजीनियरिंग विभाग में हाकम गैंग की चर्चा है। हाकम गैंग के जरिए बड़ी संख्या में लोग पेपर लीक से चयनित होकर इंजीनियर बने। अब विभाग में उस दौरान के भर्ती हुए सभी लोगों को शक की नजर से देखा जा रहा है।

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