उत्तराखंड के लोगों के पुश्तैनी वनाधिकार हों बहाल, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने की मांग, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा पत्र
देहरादून।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिख उत्तरखंडियों के पुश्तैनी वनाधिकार बहाल करने की मांग की गई है। उन्होंने पत्र में कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल की एक जैसी भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समानता हैं। कहा कि उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल के लोगों को भी वनों पर उनके पुश्तैनी हक हकूक और अधिकारों की क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। उत्तराखंड का 72 प्रतिशत भूभाग मानव हित में वनों के लिये आरक्षित है। उत्तराखंड से निकलने वाली नदियां देश के 60 करोड़ लोगों को जीवन देती हैं। ऐसे में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार से उत्तराखंड के लोगों को उनके वनाधिकार वापस दिलाने में योगदान दें।
इसके साथ ही केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाए। प्रतिमाह एक गैस सिलेंडर, बिजली और पानी निशुल्क दिया जाए। जड़ी बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवायें निशुल्क हों। एक यूनिट आवास बनाने हेतु लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाए। जंगली जानवरों से जन हानि पर 25 लाख रुपये क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाए। जंगली जानवरों से फसल के नुकसान पर प्रति नाली 5000 रुपये क्षतिपूर्ति दी जाए। राज्य में तत्काल चकबंदी की जाए।