देहरादून
बिल्डर की जालसाजी से आम आदमी की जीवन की पूंजी संकट में फंसी, शासन तक पहुंची बिल्डर की शिकायत, हाउसिंग प्रोजेक्ट की जमीन से जुड़े विवाद की होगी जांच, अपर मुख्य सचिव राजस्व ने देहरादून जिला प्रशासन को दिए जांच के आदेश, सिलिंग एक्ट के तय मानकों के विरुद्ध जाकर जमीन जुटाने का आरोप, बिना सरकार की अनुमति के साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन की गई एकत्र
देहरादून।
राजधानी के एक बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी भूमि के एक विवाद में शासन ने जांच बैठा दी है। सीलिंग एक्ट के तय प्रावधानों और भू कानून का उल्लंघन कर बिना सरकार की अनुमति के तय सीमा से अधिक जमीन जुटाने का आरोप शहर के एक नामी बिल्डर पर लगा है। शासन ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए निवेशकों के हितों की सुरक्षा को पूरे मामले में जांच बैठा दी है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस जमीन विवाद से जुड़ी शिकायतें की गईं थी। इस पर अपर मुख्य सचिव राजस्व आंनद बर्द्धन को पड़ताल कराने के निर्देश मिले। एसीएस की ओर से सचिव राजस्व, अपर सचिव समेत जिला प्रशासन के अधिकारियों को बुला कर एक मीटिंग की गई। हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी भूमि के सीलिंग एक्ट के उल्लंघन और बिना सरकार से मंजूरी लिए सैकड़ों बीघा जमीन जुटाने की शिकायत के साथ दिए गए दस्तावेजों पर मंथन हुआ। तय हुआ कि इस मामले की जमीनी पड़ताल कराई जाए। ताकि लैंड रिकॉर्ड को देख कर असल तस्वीर सामने आ सके।
आरोप लगे हैं कि 2012 में बिल्डर ने एक फर्म बनाई। जिस समय फर्म बनाई गई, उस समय भी बिल्डर के पास राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन थी। जो सीलिंग के दायरे में आती थी। अतिरिक्त भूमि तत्काल सरकार में शामिल हो जानी चाहिए थी। इसके बाद भी उसी फर्म को 2017 में एक कंपनी में विलय कर दिया गया। 2012 में फर्म और 2017 में बनी कंपनी के नाम पर राज्य में 2003 से पहले कोई जमीन नहीं थी। ऐसे में राज्य में नगर निगम सीमा से बाहर 250 वर्ग मीटर से अधिक की जमीन खरीदने को सरकार से मंजूरी ली जानी थी, जो नहीं ली गई। इसके बाद भी कंपनी के हाउसिंग प्रोजेक्ट के पास 170 बीघा से अधिक भूमि है। जो सीलिंग एक्ट के दायरे में आती है। ऐसे में ये भूमि भी सरकार में शामिल हो।
बड़ी संख्या में हो चुका है निवेश
इस हाउसिंग प्रोजेक्ट में राज्य भर से कई लोग निवेश कर चुके हैं। बड़े स्तर पर फ्लैट बिक चुके हैं। कई फ्लैट में लोग आ चुके हैं। कई का काम अभी निर्माणाधीन है।
शिकायत सामने आई है। इसे पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। तथ्यों और धरातल पर राजस्व रिकॉर्ड की पड़ताल करते हुए जांच होगी। इसके लिए जिला प्रशासन देहरादून को जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव राजस्व