देहरादून।
पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर भ्रम फैलाने वाले षड़यंत्रकारियों और नकल माफिया को रविवार को करारा झटका लगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी के बनाए सख्त नकलरोधी कानून के चलते प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से पटवारी भर्ती परीक्षा संपन्न हुई। पटवारी और लेखपाल के कुल 563 पदों पर आयोजित भर्ती परीक्षा में कुल 65.6 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए।
राज्य में पटवारी भर्ती परीक्षा फूलप्रूफ हो, इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्त नकलरोधी कानून बनाया। इस नए कानून के तहत हुई पहली पटवारी भर्ती परीक्षा पूरी तरह सफल रही। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा के शांतिपूर्ण संपन्न होने पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के साथ ही शासन-प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं का अहित नहीं होने देगी। नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में हिन्दुस्तान का सबसे सख्त नकलरोधी कानून बनाया गया है। नए अध्यादेश में नकल करने और कराने वाले दोनों सलाखों के पीछे होंगे,उनकी सम्पत्तियों को ज़ब्त करने और भारी जुर्माना लगाने संबंधी प्राविधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न भर्तियों का परीक्षा कैलेंडर जारी किया जा चुका है। आगामी भर्ती परिक्षाओं के लिए अभ्यर्थी पूरे मनोयोग से जुट जाएं। रविवार को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर लेखपाल के 172 और पटवारी के 391 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। पंजीकृत कुल 158210 अभ्यर्थियों में से 103730 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
गौरतलब है कि उक्त पदों पर 8 जनवरी 2023 को पहली बार परीक्षा का आयोजन किया गया था। जिसमें पेपर लीक की शिकायत मिलने के बाद उक्त परीक्षा को रद्द कर दुबारा से रविवार को परीक्षा का आयोजन कराया गया। परीक्षा को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पूरी कमर कसी हुई थी। पूरे प्रदेश में परीक्षा केंद्रों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया था। सघन चेकिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश की अनुमति दी प्रदान की गई। परीक्षा के पूरी तरह से संपन्न होने तक पुलिस कर्मी केंद्रों पर ही तैनात रहे। समय-समय पर केंद्रों से जरूरी देता कंट्रोल रूम से साझा किया जाता रहा।