निगम महासंघ ने भी किया आंदोलन का ऐलान, राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ की कार्यकारिणी में लिया गया फैसला, सात सितंबर को सचिवालय कूच का किया गया ऐलान, मांगों के निस्तारण को बनाया दबाव
देहरादून।
राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन का ऐलान किया गया। छह सितंबर तक मांगों का निस्तारण न होने पर सात सितंबर को सचिवालय कूच की चेतावनी दी गई। बैठक में मांगों के निस्तारण को लेकर सरकार पर दबाव बनाया गया।
जोगीवाला स्थित संघ भवन में हुई बैठक में अध्यक्ष दिनेश गोसाईं की अध्यक्षता में हुई बैठक में मांगों पर चर्चा हुई। पदाधिकारियों ने कहा कि वन विकास निगम कर्मचारी संघ, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति, पेयजल निगम के साथ हुए समझौते के अनुसार शीघ्र कार्रवाई की जाए। कहा कि शासनादेशों के अनुसार एसीपी का निर्धारण किया गया है। ऐसे में ऑडिट आपत्तियां खारिज करते हुए वेतन से वसूली एवं रिटायर कर्मचारियों के भुगतान से समायोजन की कार्यवाही समाप्त की जाए।
बैठक में तय हुआ कि यदि इन तमाम मांगों को छह सितंबर तक हल नहीं किया जाता तो सात सितंबर को सचिवालय कूच किया जाएगा। उसी दिन अगले आंदोलन के कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। बैठक में अध्यक्ष दिनेश गोसाईं, महासचिव बीएस रावत, रामकुमार, दिनेश पंत, अरिवंद सजवाण, अजय बेलवाल, धर्मेंद्र चौधरी, प्रदीप पुनेठा, प्रेम सिंह रावत, गोविंद सिंह मेहरा, पीएस बिष्ट, राकेश पाल, अनुराग नौटियाल आदि मौजूद रहे।
निगमों को भी मिले गोल्डन कार्ड का लाभ
देहरादून। पदाधिकारियों ने कहा कि राजकीय कर्मियों की भांति निगमों में तैनात व पेंशनर्स को भी राज्य स्वास्थ्य योजना गोल्डन कार्ड का लाभ दिया जाए। सभी निगमों के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुरूप मकान किराया भत्ता स्वीकृत किया जाए। सार्वजनिक निगमों में पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक नियुक्त किए जाएं। रोडवेज, जल निगम में पूर्णकालिक एमडी नियुक्त किए जाएं। पेयजल निगम व जल संस्थान का पूर्व समझौतों के अनुसार तत्काल एकीकरण व राजकीयकरण किया जाए। सभी निगमों का राजकीयकरण करते हुए वेतन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।