देहरादून।
जिला सहकारी बैंक भर्ती फर्जीवाड़े में कार्रवाई की फाइल शासन में डंप हो गई है। एक सप्ताह पहले जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की फाइल सहकारिता अनुभाग से आगे बढ़ा दी गई थी। जो अभी तक सचिव सहकारिता के पास नहीं पहुंची है। इस मामले में तीना जिला सहकारी बैंक के अफसरों समेत सहकारिता के कई अफसर कार्रवाई की जद में हैं।
देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी हुई थी। तय भर्ती प्रक्रिया से हटकर बैंकों ने अपने स्तर पर भर्ती के नियम तय कर दिए थे। नंबरों में कूट रचना कर गड़बड़ी की गई थी। जिससे पूरी मेरिट ही बदल दी गई थी। इस मामले में संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल जांच समिति ने बेहद सख्त रिपोर्ट शासन को जमा कराई। तीन अक्तूबर को ये जांच रिपोर्ट सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम को दी गई।
सचिव ने महज चंद घंटों के भीतर ये रिपोर्ट अनुभाग को भेज कर कार्रवाई को फाइल तैयार करने के निर्देश दिए। अनुभाग ने जांच रिपोर्ट के आधार पर अपनी सख्त टिप्पणी के साथ कार्रवाई को फाइल पांच अक्तूबर को आगे बढ़ा दी। अब एक सप्ताह बाद भी ये फाइल सचिव सहकारिता के ऑफिस नहीं पहुंच पाई। जबकि अनुभाग से सचिव कार्यालय की दूरी 400 मीटर भी नहीं है। सूत्रों के अनुसार कुछ अफसरों को इस मामले में अनुभाग की नोटिंग रास नहीं आ रही है।
फाइल रोकने में जुटे अफसर
इस भर्ती फर्जीवाड़े में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष, जीएम, सहकारिता के एआर समेत सेवा मंडल के अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। अब यही अफसर मामले को लटकाने में जुट गए हैं। सूत्रों के अनुसार इन्हीं अफसरों के दबाव के कारण फाइल की रफ्तार शासन में सुस्त हो गई है।
जांच रिपोर्ट आते ही उस पर आगे की कार्रवाई शुरू करने को जांच रिपोर्ट नीचे भेज दी गई थी। नीचे से फाइल अभी तक उनके पास नहीं पहुंची है। जैसे ही फाइल पहुंचती है, तो तत्काल उस पर फैसला लिया जाएगा। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सचिव सहकारिता