वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार, अभी तक रिपोर्ट पर कार्रवाई न होने पर कर्मचारियों ने उठाए सवाल

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वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करे सरकार, अभी तक रिपोर्ट पर कार्रवाई न होने पर कर्मचारियों ने उठाए सवाल

सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ ने वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट जो कि श्री शत्रुघ्न सिंह अध्यक्ष, वेतन विसंगति समिति के द्वारा सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी है सार्वजनिक करने की मांग की है।
पूर्णानंद नौटियाल प्रांतीय अध्यक्ष एवं राकेश रावत प्रांतीय महामंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन विसंगति से जुड़े मामलों के लिए श्री शत्रुघ्न सिंह पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था तथा समिति को सभी पक्षों की बात सुनकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर समिति द्वारा प्रत्येक संगठनों को बुलाया गया उनकी बात सुनी गई तथा विभागाध्यक्ष स्तर पर विभागाध्यक्ष से भी विभाग वार बेतन बिसंगतियो से सम्बंधित रिपोर्ट ली गई तदनुसार सभी पक्षों को सुनकर समिति ने काफी समय पूर्व अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड सरकार को सौंप दी है। परंतु सरकार द्वारा आज की तिथि तक उस रिपोर्ट को स्वीकार कर कर्मचारियों के वेतन विसंगति के मामलों का निस्तारण नहीं किया गया है। जिससे सिंचाई विभाग के विभिन्न घटक संघ के पदाधिकारियों में अत्यंत रोष व्याप्त हो रहा है।
पूर्णानंद नौटियाल ने कहा सिंचाई विभाग में मेट संवर्ग, सींचपाल संवर्ग, वैज्ञानिक संवर्ग, नलकूप चालक संवर्ग, नलकूप मिस्त्री संवर्ग, भंडार पाल संवर्ग, सहित अन्य कई संवर्ग वेतन विसंगति से प्रभावित हैं तथा लंबे समय से वेतन विसंगति के निराकरण की मांग उत्तराखंड सरकार से करते आ रहे हैं ।अब वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट सरकार को सौंपने पर उनमें वेतन विसंगति के निराकरण करने की उम्मीद जगी थी। परन्तु सरकार द्वारा रिपोर्ट को स्वीकार कर सार्वजनिक न करने से समस्त कार्मिक निराशाजनक स्थिति मे है। इसलिए सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ उतराखण्ड सरकार से मांग कर रहा है कि कि श्री शत्रुघ्न सिंह अध्यक्ष बेतन बिसंगति समिति की अध्यक्षता मे गठित समिति द्वारा कार्मिकों के बेतन बिसंगति की रिपोर्ट जो उतराखण्ड सरकार को सौंपी जा चुकी है। उसे शीघ्र सार्वजनिक किया जाये ताकि सिंचाई बिभाग के विभिन्न संवर्गो के बेतन बिसंगति के मामलों का यथा समय निस्तारण हो सके।

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