पहाड़ों के नक्शों की भी एमडीडीए के इंजीनियरों से कराई जाए जांच, सेवा का अधिकार आयोग ने विकास प्राधिकरणों के स्टाफ की कमी को दूर करने का निकाला तोड़ 

0
200

पहाड़ों के नक्शों की भी एमडीडीए के इंजीनियरों से कराई जाए जांच, सेवा का अधिकार आयोग ने विकास प्राधिकरणों के स्टाफ की कमी को दूर करने का निकाला तोड़

देहरादून।

सेवा का अधिकार आयोग ने पहाड़ों पर भी भवन नक्शे समय पर पास करने के निर्देश दिए। जिला विकास प्राधिकरणों के स्टाफ की कमी के तर्कों को सिरे से खारिज किया। अध्यक्ष एस रामास्वामी ने साफ किया कि पहाड़ों पर भी तय समय पर नक्शे पास किए जाएं। साफ किया कि ऑनलाइन सिस्टम के तहत एमडीडीए के इंजीनियरों और एक्सपर्ट से भी नक्शे पास कराए जाएं। कहा कि उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत तय सेवाओं समेत 250 सेवाओं को अपणि सरकार पोर्टल में तीन महीने में जनता को उपलब्ध कराया जाएगा।
आयोग ने नक्शा ऑनलाईन अपलोड करने, ऑनलाईन फीस भुगतान करने में होने वाली दिक्कत दूर करने को एमडीडीए को हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए। व्यवसायिक मानचित्रों की स्वीकृति की समय-सीमा 60 दिन से घटाकर 30 दिन सुनिश्चित की जायेगी। एमडीडीए की तरह पहाड़ों में जल्द नक्शे पास करने को एमडीडीए के इस्तेमाल किए जा रहे सॉफ्टवेयर के आधार पर ही दूसरे जिलों में भी व्यवस्था की जाए। ऑनलाइन सिस्टम के तहत ही एमडीडीए के इंजीनियरों और एक्सपर्ट से ही अन्य जिलों के भी नक्शों की जांच कराने का सुझाव दिया। साफ किया कि व्यवसायिक मानचित्रों के दो प्रकार होंगे। पहले ऐसे नक्शे होंगे, जो प्राधिकरणों के बोर्ड से पास होते हैं। दूसरे ऐसे नक्शे, जो बोर्ड की मंजूरी के बिना ही पास होते हैं। ये 30 दिन के भीतर स्वीकृत किये जा सकते हैं। कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी तीन प्रकार के आवासीय, अनावासीय और व्यवसायिक मानचित्र के होंगे।

नई खतौनियां समय पर हों तैयार
राजस्व मैनुअल्स के अनुसार हर छह साल में नई खतौनी तैयार होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आयोग ने राज्य सरकार को नये सिरे से आदेश करने की संस्तुती कर दी है। आयोग ने पाया कि सामान्य जाति प्रमाण-पत्र की सेवा के संबंध में शासनादेश का अभाव है। हैसियत प्रमाण-पत्र की सेवा में भवनों के आंकलन को लेकर सुधार की जरूरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here