सचिवालय में पीसीएस सेवा के तय हों पद, सचिवालय संघ ने उठाई मांग, जूनियर पीसीएस अफसरों को सचिवालय संवर्ग के अफसरों से ऊपर बैठाने पर रोष, एसीपी की पुरानी व्यवस्था को लेकर पूर्व में हुए समझौते को पूरी तरह लागू कराने को लेकर भी बनाया गया दबाव
देहरादून।
उत्तराखंड सचिवालय संघ ने सचिवालय के भीतर पीसीएस सेवा के अफसरों के पद तय किए जाने की मांग की। संघ ने जूनियर अफसरों को वरिष्ठ पदों पर बैठाने का भी विरोध किया। एसीपी की पुरानी व्यवस्था 10, 16, 26 वर्ष को लागू किए जाने को लेकर पूर्व में हुए समझौते को लागू करने पर जोर दिया।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव विमल जोशी ने कहा कि सचिवालय में आईएएस सेवा के पद तय हैं, लेकिन पीसीएस सेवा के पद तय नहीं हैं। न ही वित्त और अन्य सेवाओं के पद तय हैं। सचिवालय में 6600 ग्रेड पे वाले पीसीएस अफसर को भी सचिवालय संवर्ग के 8900 ग्रेड पे वाले अफसर से ऊपर बैठा दिया जाता है। इसे लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है। कहा कि जिस ग्रेड पे पर पीसीएस अफसर हैं, उन्हें सचिवालय में उसी ग्रेड पे के पद पर तैनाती दी जाए। ताकि असमानता न पैदा हो। सचिवालय संवर्ग के अफसरों को भी सचिवालय से बाहर पदों पर तैनाती दी जाए।
कहा कि पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत प्रकाश पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुए समझौते को लागू कराया जाए। इसमें एसीपी की सुविधा पूर्व की तरह 10, 16, 26 वर्ष किए जाने का आश्वासन दिया गया था। संघ ने गोल्डन कार्ड पर भी सवाल उठाए। कहा कि अस्पतालों में तय शर्तों के अनुसार इलाज नहीं मिल रहा है। सभी बड़े अस्पताल योजना में जोड़े नहीं गए हैं। एक अस्पताल में एक ही बीमारी का इलाज हो रहा है। इस तरह पैकेज तैयार किए गए हैं। सचिवालय में बढ़ते कोरोना को लेकर भी नये सिरे से कर्मचारियों की स्थिति 50 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई। कहा गया कि पीएस संवर्ग के प्रमोशन दो साल से नहीं हुए हैं। प्रमोशन लटकाने वाले अफसरों को सचिवालय प्रशासन विभाग से हटाया जाए। संघ ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। कहा कि लंबे समय से कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।