तीरथ मंत्रिमंडल में कुछ पुराने चेहरे भी हो सकते हैं ड्रॉप, कुर्सी बचाने को लगा रहे जोर, लंबे समय से खाली चल रहे तीन नये मंत्रियों के भरे जाएंगे पद
देहरादून।
सीएम तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल का गठन जल्द होगा। इस बार मंत्रिमंडल में कई नये चेहरे नजर आएंगे। पुराने कई मंत्रियों की कुर्सी पर खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में कुर्सी बचाने को सभी ने पूरा जोर लगाया हुआ है।
मंत्रिमंडल में सीएम समेत कुल मिला कर 12 लोग शामिल होंगे। अभी लंबे समय से तीन पद खाली चल रहे थे। इन तीन पदों को लेकर लंबे समय तक जोर आजमाइश चलती रही। हालांकि अब नये सिरे से मंत्रियों के सभी पद भरे जाते हैं, तो तीन तो नये मंत्री बनेंगे। बाकि एक सीएम के अलावा आठ पुराने मंत्रियों में कुछ ड्रॉप भी हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में जगह बनाए रखने को सभी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। इसके लिए दिल्ली के संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है। तो कुछ संघ की शरण में पहुंच गए हैं। इसी खींचतान की वजह है, जो सीएम तीरथ रावत ने अकेले ही शपथ ली। बाकि मंत्रिमंडल अलग से शपथ लेगा। नये मंत्रिमंडल के वो नये चेहरे कौन कौन होंगे। इस पर अभी संस्पेंस बना हुआ है।
साधना होगा क्षेत्रीय संतुलन
मंत्रिमंडल में तीरथ रावत को क्षेत्रीय संतुलन साधना होगा। गढ़वाल कुमाऊं के साथ ही पहाड़ मैदान क्षेत्रों का भी संतुलन बनाए रखना होगा। टीम में युवा, अनुभवी, महिला, पिछड़े वर्ग को भी साथ लेकर चलना होगा। ऐसे में उनकी नुमाइंदगी को भी सुनिश्चित करना होगा। संतुलन जिलों में भी साधना होगा। क्योंकि अक्सर कई जिलों में ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों की नुमाइंदगी हो रही है। तो कई जिले ऐसे हैं, जहां लंबे समय से कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं रहा। पिछली सरकार में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत ऐसे जिले रहे, जहां से कोई मंत्री नहीं रहा।
नॉन परफॉर्मर पर खतरा ज्यादा
पुराने मंत्रियों में ड्रॉप होने का खतरा सबसे अधिक उन लोगों को है, जो नॉन परफॉर्मर रहे। ऐसे मंत्री पिछली बार भी बार बार त्रिवेंद्र सरकार के निशाने पर भी थे। इस बार भी उनके ऊपर ही गाज गिरने की अधिक संभावना है। ऐसे मंत्री जिनके विभागों में सबसे अधिक विवाद रहे, उन पर भी तलवार लटकी रहेगी। हालांकि कुछ राज्य मंत्री ऐसे भी रहे, जिन्होंने बेहतरीन काम किया। उनका प्रमोशन भी हो सकता है।