यूजेवीएनएल के 98 करोड़ के घपले की होगी तकनीकी जांच, शासन ने तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का किया गठन, समिति को जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने के दिए निर्देश
देहरादून।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के छिबरो, खोदरी, डाकपत्थर पॉवर हाउस में 98 करोड़ की खरीद, कार्यों में हुए घपलों की तकनीकी जांच होगी। इसके लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया गया है। समिति 800 रुपये के तार को 3300 रुपये में खरीदने, बिना टेंडर के करोड़ों के काम कराने, साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख और 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदने की जांच करेगी।
समिति में निदेशक प्रोजेक्ट पिटकुल अनिल यादव, निदेशक प्रोजेक्ट यूपीसीएल सतीश शाह, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद को रखा गया है। ये समिति यूजेवीएनएल में बड़े पैमाने पर हुए पॉवर हाउस के कार्यों में गड़बड़ी की जांच करेगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग इस मामले में पहले ही अपनी रिपोर्ट में गड़बड़ियों की पुष्टि कर चुका है। खरीद प्रक्रिया से लेकर खर्च हुए 98 करोड़ के बजट पर सवाल उठाए गए थे।
नियामक आयोग की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि सिर्फ केबिल की खरीद में ही गड़बड़ी नहीं हुई, बल्कि पैनल, बैटरी, चार्जर और अन्य केबिल की खरीद भी दोगुना से अधिक दाम पर हुई। साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख तो 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदी गई। 11 केवी केबिल भी 700 रुपये की 2595 रुपये में खरीदी गई। यूजेवीएनएल ने यूपीसीएल से दोगुना दाम पर ये तमाम सामान खरीदे।
अपर सचिव की रिपोर्ट में भी कुछ गड़बड़ियों की ओर इशारा
अपर सचिव ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं की ओर इशारा भी किया है। इसमें दो से चार गुना अधिक दाम पर खरीदे गए सामान पर सवाल उठाए गए हैं। साफ किया गया कि डीलर के रेट को ही अंतिम रेट मान लिया गया। बाजार से तुलना नहीं की गई।
हर सामान दो से चार गुना रेट पर खरीदा
11 केवी के आउट गोइंग पैनल 7.95 लाख में खरीदे गए। जबकि यूपीसीएल ने 4.14 लाख में खरीदे। इनकमर पैनल 4.56 लाख की बजाय 9.07 लाख में खरीद हुई। 11 केवी बस कॉप्लर पैनल 4.52 लाख की बजाय 9.07 लाख, एमएस चैनल 46.50 रुपये प्रति किलो की बजाय 86.70 रुपये प्रति किलो खरीदे गए। कंट्रोल केबिल की खरीद भी 80 रुपये मीटर की बजाय 162.18 रुपये, 24 वोल्ट बैटरी चार्जर 74 हजार रुपये की जगह 1.85 लाख में खरीदे गए। 800 रुपये के तार को 3300 रुपये में खरीदा गया। साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख में खरीदने के साथ ही 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदी गई।
कई पूर्व एमडी हैं निशाने पर
इस पूरे मामले में कई पूर्व एमडी निशाने पर हैं। जिनके ऊपर इस घपले की गाज गिरेगी। एमडी समेत, निदेशक भी लपेटे में आएंगे। इसमें कई लोग तो रिटायर भी हो चुके हैं। कंपनी भी सवालों के घेरे में है।