महाराज के बयान से नाराज हुए तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड भंग न किए जाने सम्बन्धी बयान पर महापंचायत ने जताया विरोध, मुख्यमंत्री से तत्काल बोर्ड को भंग करने की मांग की महापंचायत ने 

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महाराज के बयान से नाराज हुए तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड भंग न किए जाने सम्बन्धी बयान पर महापंचायत ने जताया विरोध, मुख्यमंत्री से तत्काल बोर्ड को भंग करने की मांग की महापंचायत ने

देहरादून।

धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के बयान पर तीर्थ पुरोहित भड़क उठे हैं। सभी ने एक सुर से इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विरोध जताया है। महापंचायत ने मुख्यमंत्री से तत्काल देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है।
चार धाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि धर्मस्व मंत्री के बयान ने सीएम के उस आश्वासन पर सवाल उठा दिए हैं, जो उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद की बैठक में दिया था। बैठक में सीएम ने साफ किया था कि देवस्थानम बोर्ड पर दोबारा विचार किया जाएगा। ऐसे में धर्मस्व मंत्री बयान दे रहे हैं कि बोर्ड भंग नहीं होगा। उन्होंने इसे सरकार को गुमराह करने का एजेंडा करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द बोर्ड को भंग करने की मांग की।
देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज द्वारा मीडिया में देवस्थानम बोर्ड पर पुर्न विचार न किए जाने संबंधी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। महापंचायत ने सतपाल महाराज को चुनौती दी है कि वे देवस्थानम बोर्ड पर बहस के लिए समय और तिथि निर्धारित कर लें। महापंचायत इसके लिए तैयार है ।
महापंचायत के प्रवक्ता डा बृजेश सती ने कहा कि सरकार व भाजपा संगठन यह स्पष्ट करे कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज में किसका बयान सही माना जाए। एक ओर मुख्यमंत्री विश्व हिंदू परिषद की मार्गदर्शक मंडल की बैठक के बाद सार्वजनिक बयान दिया कि देवस्थानम के तहत 51 मंदिरों को मुक्त किया जाएगा। इसकेअलावा उन्होने देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने की बात भी कही थी। दूसरी ओर सतपाल महाराजगंज सोमवार को मीडिया से कहा कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। कहा कि राज्य सरकार देवस्थानम बोर्ड पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, आखिर चार धामों के तीर्थ पुरोहितों व हकहकूकधारियों को भ्रम की स्थिति में क्यों रख रही है । इस सब के पीछे उसके क्या राजनीतिक निहितार्थ हैं।

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