यूजेवीएनएल में ताबड़तोड़ प्रमोशन, यूपीसीएल के अफसर कंफ्यूज, पहले टीजी टू से जेई बनाए, फिर सहायक लेखाकार पर प्रमोशन, अब एई, एक्सईएन के प्रमोशन, यूपीसीएल में सालों से एई पद पर तय ही नहीं हो पा रही वरिष्ठता, समिति बना कर सो गया मैनेजमेंट

देहरादून।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम में एक के बाद एक कर्मचारियों, इंजीनियरों के प्रमोशन हो रहे हैं, यूपीसीएल अभी कंफ्यूज ही है। यूजेवीएनएल, पिटकुल ने पहले टीजी टू से जेई के प्रमोशन किए। फिर विभागीय परीक्षा करा कर सहायक लेखाकार पद पर प्रमोशन हुए। अब एई और एक्सईएन के खाली पदों पर भी प्रमोशन कर दिए हैं। यूपीसीएल में सालों से एई पद पर वरिष्ठता ही तय नहीं हो रही। प्रबंधन भी वरिष्ठता विवाद दूर करने को समिति बना कर सो गया है।
यूजेवीएनल में एई से एक्सईएन पद पर सुधांशु चौधरी, गौरव सैनी, दिनेश कुमार भारद्वाज, मनोज कुमार पाठक को पदोन्नति दी गई। जेई से ऐई पद पर रितेश प्रताप मल्ल, नितिन कुमार, अनुराग गुप्ता पदोन्नत किए गए। इससे पहले बड़ी संख्या में सहायक लेखाकार बनाए गए। टीजी टू से जेई पद पर भी यहां पदोन्नति पूरी हो चुकी हैं। दूसरी ओर पदोन्नति के मामले में तीनों निगमों में सबसे बुरी स्थिति यूपीसीएल की है। यहां प्रमोशन के मामलों को बुरी तरह उलझा कर रख दिया गया है। सालों से एई पद पर वरिष्ठता का विवाद उलझाया जा रहा है। जिस समिति को इस वरिष्ठता के निर्धारण का जिम्मा दिया गया था, उसके पास इस विषय पर का हल निकालने को समय ही नहीं है। यही वजह है, जो सालों से इस समिति की बैठक तक नहीं हुई।
पॉवर डिप्लोमा जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव संदीप शर्मा ने बेवजह का विवाद खड़ा करने का आरोप लगाया। कहा कि समिति को जो भी तय करना है, उसे जल्द से जल्द करे। एक ओर पिटकुल, यूजेवीएनएल में प्रमोशन हो रहे हैं, वहीं यहां उलझा कर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने भी जल्द पदोन्नति किए जाने की मांग की।
टीजी टू से जेई का कौन कराएगा पेपर
हाईकोर्ट, शासन के स्पष्ट आदेश के बाद भी यूपीसीएल में सालों से टीजी टू से जेई और सहायक लेखाकार पद पर प्रमोशन अटके हुए हैं। शासन ने प्रमोशन को लेकर विभागीय परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं। अब यूपीसीएल मैनेजमेंट तय ही नहीं कर पा रहा है कि परीक्षा कैसे कराई जाए। कभी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, तो कभी प्राविधिक शिक्षा परिषद से परीक्षा कराने का विकल्प तलाशा जा रहा है। फाइल मुख्यालय में एक टेबल से दूसरी टेबल पर लटकाई जा रही है, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पा रहा है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि जब यूजेवीएनएल अपने स्तर पर विभागीय परीक्षा करा सकता है, तो यूपीसीएल में क्यों नये नये फार्मूले निकाले जा रहे हैं। कहा कि मानव संसाधन विभाग में अनुभवहीन अफसरों को पता ही नहीं है कि आखिर करना क्या है।
सचिव ऊर्जा ने एक महीने में दिए थे प्रमोशन के आदेश
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सचिव ऊर्जा राधिका झा ने यूजेवीएनएल में संगठन पदाधिकारियों से बातचीत के दौरान सभी निगमों के अफसरों को एक महीने में प्रमोशन किए जाने के आदेश दिए थे। इस आदेश को दिए हुए डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन यूपीसीएल में ये आदेश लागू नहीं हो पा रहा है।