देहरादून
155 करोड़ के मुनाफे में आया यूपीसीएल, किसी भी बिजली कंपनी का बकाया नहीं
यूपीसीएल पांच साल पहले 2017-18 में 229 करोड़ के घाटे में रहा। 2018-19 में यही घाटा 553 करोड़ का रहा। 2019-20 में 577 करोड़, 2020-21 में 152 करोड़ का घाटा रहा। अब 2021-22 में 155 करोड़ के मुनाफे में आ गया है। एटीएंडसी लॉस 17.79 प्रतिशत से घटकर 16.63 प्रतिशत पर पहुंच गए हैं। नवंबर 2021 के बाद से अभी तक राजस्व वसूली 113 प्रतिशत तक हो रही है। जो पहले 84 प्रतिशत तक सीमित थी।देश की प्रमुख बिजली कंपनियों एनएचपीसी, एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड, यूजेवीएनएल, पिटकुल का अब यूपीसीएल पर बकाया नहीं है। जबकि दूसरे राज्यों पर बिजली कंपनियों का 1.06 लाख करोड़ का बकाया है।
एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि आने वाले समय में यूपीसीएल को देश की प्रमुख अग्रणी कंपनी के रूप में स्थापित किया जाएगा। उपभोक्ता सुविधाओं को और अधिक बढ़ाया जाएगा। निगम ने इस वर्ष मार्च 2022 से देश भर में बिजली संकट खड़े होने के बावजूद लोगों को बाजार से महंगी दरों पर बिजली खरीद कर सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई। ये तभी संभव हो पाया, जब यूपीसीएल की राजस्व वसूली शत प्रतिशत से भी अधिक रही।