अब हवा में आंख बंद कर यूपीसीएल में आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं मिलेगा सेवा विस्तार, चीफ और एसई को पहले देनी होगी रिपोर्ट
देहरादून।
यूपीसीएल में आउटसोर्स कर्मचारियों के सेवा विस्तार की व्यवस्था बदल गई है। अब नई व्यवस्था के बाद ही कर्मचारियों को 2021 का सेवा विस्तार मिलेगा। आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए इस बार सेवा विस्तार से पहले गहन पड़ताल होगी। कर्मचारी कहां काम कर रहा है। क्या काम कर रहा है, उसकी उपस्थिति की क्या स्थिति है, इसे लेकर एक्सईएन, एसई से लेकर मुख्य अभियंता तक को जांच कर स्पष्ट संस्तुति करनी होगी। पूरा ब्यौरा निदेशक ऑपरेशन के माध्यम से ही निदेशक मानव संसाधन को उपलब्ध कराना होगा।
इस सम्बन्ध में दो टूक आदेश यूपीसीएल मुख्यालय ने सभी मुख्य अभियंता, महाप्रबंधक, अधीक्षण अभियंता, उप महाप्रबंधक, अधिशासी अभियंताओं को भेज दिए गए हैं। इंजीनियरों को उपनल, पीआरडी समेत स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों को लेकर ब्यौरा उपलब्ध कराना होगा। इस बार सेवा विस्तार देने से जुड़े मामलों में कई स्तर की पड़ताल तय की गई है। अधिशासी अभियंता की रिपोर्ट को एसई, चीफ तक जांचेंगे। साथ ही वित्त, विधि के लिहाज से डीजीएम और जीएम वित्त और विधि तक पड़ताल करेंगे। महाप्रबंधक केबी चौबे की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
इंसारुल हक, संयोजक उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अनुसार जहां गड़बड़ी हो रही है, वहां तो ये सख्ती ठीक है। सिर्फ जांच पड़ताल के नाम पर कर्मचारियों के सेवा विस्तार को न उलझाया जाए। बल्कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने के साथ ही समान काम का समान वेतन सुनिश्चित कराया जाए।
आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर चल रही गड़बड़ी
यूपीसीएल में आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर बड़ी गड़बड़ी चल रही है। खासतौर पर स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों के वेतन के नाम पर गोलमाल तक हो रहे हैं। कागजों पर सब स्टेशनों पर एसएचजी कर्मचारी दिखाए गए हैं। मौके पर ये कर्मचारी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। इनका ईपीएफ तक जमा नहीं हो रहा है। ईपीएफ जमा न होने पर भी गड़बड़ी सामने आई। ईपीएफ कार्यालय ने भी इस गड़बड़ी पर यूपीसीएल मैनेजमेंट पर शिकंजा कस दिया है। इस नई व्यवस्था को इसी सख्ती से जोड़ कर देखा जा रहा है।