यूपीसीएल के एमडी हुए सख्त, सभी मैदानी डिवीजनों के एकाउंट खंगालने के निर्देश, देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर , नैनीताल के ऑफिस के खातों की होगी जांच, स्पेशल सीए की टीम जांचेगी रिकॉर्ड, राजस्व वसूली के रिकॉर्ड का होगा मिलान
देहरादून।
यूपीसीएल के मैदानी डिवीजनों के खातों की पड़ताल होगी। देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल के ऑफिस के खातों की जांच के आदेश मुख्यालय के स्तर से दे दिए गए हैं। डिवीजन, सर्किल स्तर पर तो खातों की पड़ताल होगी ही, साथ ही स्पेशल सीए की टीम भी रिकॉर्ड खंगालेगी। राजस्व वसूली के रिकॉर्ड का मिलान होगा।
यूपीसीएल में कुछ समय के भीतर देहरादून, रुड़की, जसपुर, काशीपुर, गदरपुर, सितारगंज समेत कई अन्य सब डिवीजनों में करोड़ों के गबन के मामले सामने आ चुके हैं। आम जनता से लिए जाने वाले बिजली बिल का पैसा सरकारी खाते में जमा कराने की बजाय कर्मचारियों की जेब में जा रहा है। इसमें जो भी कर्मचारी आरोपी पाए जा रहे हैं, अधिकतर नशे के आदि बताए जा रहे हैं।
इन वित्तीय गड़बड़ियों ने यूपीसीएल की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। इन वित्तीय गड़बड़ियों को देखते हुए यूपीसीएल के संवेदनशील डिवीजनों की गहन पड़ताल के आदेश मुख्यालय स्तर से दिए गए हैं। इसके लिए वित्त अनुभाग के अफसरों के साथ ही सीए स्तर से भी पड़ताल कराई जाएगी।
हरिद्वार में ईई ने ही लगा दी थी 55 लाख की चपत
यूपीसीएल हरिद्वार के एक डिवीजन में सात साल पहले एक ईई ने 55 लाख की चपत निगम को लगा दी थी। इस मामले में ईई को तत्काल हटाया गया। जांच बैठाई गई, लेकिन आज तक न जांच पूरी हुई है। न ही ईई पर कोई कार्रवाई हुई। उल्टा इस बीच एक के बाद एक उन्हें बढ़िया डिवीजनों का जिम्मा जरूर दिया गया।
इन्हीं जिलों में बिजली चोरी, यहीं सबसे अधिक गबन
देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और नैनीताल जिलों में ही सबसे अधिक बिजली चोरी होती है। यहीं सबसे अधिक गबन के मामले भी सामने आ रहे हैं। बिजली की सबसे अधिक खपत भी इन्हीं चार जिलों में है। शेष नौ जिलों में न बिजली चोरी होती है और न ही गबन।
वित्तीय गड़बड़ी के मामलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गदरपुर मामले में कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। जांच जारी है। ये मामले पकड़ में आ सकें और राजस्व रिकॉर्ड को व्यस्थित किया जा सके, इसके लिए संवेदनशील डिवीजनों की पड़ताल कराई जा रही है।
अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल