फर्टिलाइजर का उपयोग पूरी तरह से किया जाए बंद : महाराज, पंजाब में फर्टिलाइजर के अधिक इस्तेमाल से बढ़े कैंसर के अधिक मामले, एक दिवसीय कार्यशाला में पंचायत मंत्री ने प्लास्टिक का इस्तेमाल न किए जाने पर दिया जोर

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फर्टिलाइजर का उपयोग पूरी तरह से किया जाए बंद : महाराज, पंजाब में फर्टिलाइजर के अधिक इस्तेमाल से बढ़े कैंसर के अधिक मामले, एक दिवसीय कार्यशाला में पंचायत मंत्री ने प्लास्टिक का इस्तेमाल न किए जाने पर दिया जोर


देहरादून।

पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने खेती में फर्टिलाइजर का उपयोग पूरी तरह बंद करने पर जोर दिया। कहा कि फर्टिलाइजर के अधिक इस्तेमाल से मिट्टी की ताकत खत्म हो रही है। इसके साथ ही प्लास्टिक का इस्तेमाल भी पूरी तरह बंद किया जाए। इसके लिए सभी को मिल कर संयुक्त प्रयास करने होंगे।
शिक्षा निदेशालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग और वन अनुसंधान संस्थान ने संयुक्त रुप से पंचायत प्रतिनिधियों, कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। पंचायत मंत्री ने इस मौके पर कहा कि हमें प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना है। प्लास्टिक खाने से गाय और जंगली जानवरों की जान को भी हमेशा खतरा बना रहता है। हमें अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी। कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर लगातार मिट्टी की ताकत को समाप्त कर रहा है। पंजाब का उदाहरण देते हुए महाराज ने कहा कि पंजाब के अंदर लोगों ने फर्टिलाइजर का अधिक इस्तेमाल किया। आज पंजाब से स्पेशल ट्रेन चलती है, जिससे कैंसर एक्सप्रेस कहते हैं। कहीं ऐसा न हो कि हर शहर से कैंसर एक्सप्रेस चलने लगे। इसलिए समय रहते हमें केमिकल फर्टिलाइजर के प्रयोग को पूरी तरह से रोकने की आवश्यकता है।
महाराज ने कहा की ऐसे वृक्षों को ग्रामसभा स्तर पर लगाने का प्रयास हो, जिनसे कम समय में अधिक आए हो सके। जल संवर्धन और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने को अनेक प्रजाति के वृक्ष लगाये जा सकते हैं। पिरूल से कपड़ा बनाने का काम पंचायतें कर सकती हैं। पानी के स्रोतों को रिचार्ज करने, चाल-खाल बनाने को मनरेगा के तहत पंचायत स्तर पर काम किया जा सकता है। कार्यशाला में विभिन्न ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष मौजूद रहे। साथ ही सचिव पंचायती राज नितेश झा, निदेशक बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ, उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी, वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ रेनू सिंह, पानी रखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती, भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान के अनिल चंदोला, जलागम परियोजना निदेशक नीना ग्रेवाल और डॉ मनोज पंत आदि मौजूद रहे।

हरिद्वार में होगा बड़ा सम्मेलन
महाराज ने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाने के साथ-साथ अनुपयोगी भूमि के उपयोग को बढ़ाया जाएगा। ग्राम सभा की आय बढ़ाने के विषयों पर चर्चा के साथ-साथ अन्य विषयों पर विशेषज्ञों और जनप्रतिनिधियों के विचार जानने को जल्द ही हरिद्वार में एक विशाल सेमिनार का आयोजन होगा।

जंगली जानवरों को फल खिलाने की तैयारी
महाराज ने कहा कि किसानों की फसल को जंगली जानवर नुकसान न पहुंचाएं, इसके लिए सरकार सीड बॉल का प्रयोग करने जा रही है। जिसमें फलों के बीज रखकर उनको विभिन्न माध्यमों से जंगलों में रोपा जाएगा। उस रोपित बीज से जब पेड़ों पर फल लगेगें तो जंगली जानवर जंगलों से आबादी की ओर नहीं आ पाएंगे।

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