उत्तराखंड वाणिज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने स्थानान्तरण नियमावली 2017 से मांगी छूट, नीति को बताया अव्यवहारिक
देहरादून।
उत्तराखंड वाणिज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने स्थानान्तरण नियमावली 2017 से छूट की मांग की है। एसोसिएशन ने इस नियमावली पर सवाल उठाए हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी और महामंत्री राकेश चंद्र जखमोला ने सीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि स्थानान्तरण नियमावली लागू होने के बाद परेशानियां बढ़ गई हैं। कर विभाग के सभी कार्यालय सुगम में हैं। मुख्यालय, संभाग, मंडल स्तर पर सभी कार्यालय जिला मुख्यालय, तहसील में प्रमुख व्यापार स्थलों के करीब हैं। कोई भी कार्यालय दुर्गम क्षेत्र में नहीं है। स्थानान्तरण नियमावली में दिखाए गए दुर्गम स्थान के मानकों के अंतर्गत कोई कार्यालय नहीं आता है।
इस कारण कार्यालयों के सुगम दुर्गम के मानकीकरण में व्यवहारिक कठिनाई हो रही हैं। कई बार इनको बदला भी गया है। राज्य कर विभाग अहम विभाग होने के साथ ही संवेदनशील विभाग भी है। यही वजह रही जो इस नियमावली से पहले विभाग में तीन से पांच साल के भीतर सभी अधिकारी कर्मचारियों का अनिवार्य रूप से तबादला संभाग स्तर से होते थे। इससे पारदर्शिता के साथ कार्य की दक्षता व कार्य कुशलता भी बनी रहती थी। अब कर्मचारी 10 10 सालों से नई नीति के कारण एक ही स्थान पर कार्य कर रहा है। इससे साफ है कि तबादला नीति राज्य कर विभाग के लिए व्यवहारिक नहीं है। ऐसे में पूर्व की नीति को ही लागू किया जाए। नई स्थानान्तरण नियमावली 2017 से मुक्त रखा जाए।