उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने उठाई आवाज, सचिवालय की तरह सभी कार्यालयों में लगाई जाए कोविड वैक्सीन, 

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उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने उठाई आवाज, सचिवालय की तरह सभी कार्यालयों में लगाई जाए कोविड वैक्सीन,

देहरादून।

उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन ने प्रदेश सरकार के सभी राजकीय कार्यालयों, विद्यालयों, निदेशालय में भी सचिवालय की तरह कोविड-19 का टीका लगाने की मांग की। इसके साथ ही नई गाइड लाइन जारी किए जाने की मांग की। सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाई जाए।
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, प्रदेश महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस प्रकार से सचिवालय के लिए कोविड-19 की नई गाइडलाइन जारी की गई है, उसी प्रकार से प्रदेश के सभी कार्यालय, निदेशालय, स्कूलों में भी कोविड-19 की नवीनतम गाइडलाइन जारी की जाए। खासतौर पर राजधानी देहरादून, हरिद्वार, मसूरी, कोटद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर, नैनीताल, रुद्रपुर के लिए बहुत ही सख्त गाइडलाइन जारी की जाए।
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि सभी विभागाध्यक्ष कार्यालय, निदेशालय और अन्य कार्यालयों में कोविड-19 की वैक्सीन की व्यवस्था करके सभी कर्मचारी शिक्षकों को वैक्सीन लगाया जाए। इस अवसर पर संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष संदीप कुमार मौर्य, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री बनवारी सिंह रावत, फेडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी, प्रदेश महामंत्री पीएन नौटियाल, वाहन चालक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनंत राम शर्मा, महावीर सिंह तोमर, केदार सिंह फर्स्वाण, एमआर खंडूरी, सुभाष रतूड़ी, सुभाष देवीलाल आदि मौजूद रहे।

गोल्डन कार्ड की खामियां हों दूर
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि गोल्डन कार्ड में आई खामियों को तत्काल दूर किया जाए। यह गोल्डन कार्ड यदि इस आपदा के समय भी किसी भी कर्मचारी शिक्षक एवं पेंशनर के काम नहीं आता है तो उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन इसको हटाने के लिए एक विशेष अभियान आंदोलन के रूप में चलाएगा। ऐसे में सरकार समय रहते हुए इस गोल्डन कार्ड में आई खामियों को तत्काल दूर करे। अन्यथा इस स्कीम को उत्तराखंड में लागू ही न किया जाए। कर्मचारी शिक्षक इस स्कीम से बहुत कुंठित है। सभी के वेतन बिल से कटौती हो रही है और व्यवस्था अभी लागू नहीं है। पदाधिकारियों ने इसे कर्मचारी शिक्षकों को लूटने का प्रयास बताया।

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