उत्तराखंड में भी पानी फ्री, त्रिवेंद्र सरकार देने जा रही है राज्य की जनता को सबसे बड़ा तोहफा, उत्तराखंड में 20 हजार लीटर तक पानी होगा फ्री, हर महीने घरेलू उपभोक्ताओं को 20 हजार तो अघरेलू उपभोक्ताओं को 10 हजार फ्री लीटर तक पानी, पेयजल विभाग तैयार कर चुका है ड्राफ्ट, मंत्री कौशिक समिति करेगी अध्ययन 

0
45

उत्तराखंड में भी पानी फ्री, त्रिवेंद्र सरकार देने जा रही है राज्य की जनता को सबसे बड़ा तोहफा, उत्तराखंड में 20 हजार लीटर तक पानी होगा फ्री, हर महीने घरेलू उपभोक्ताओं को 20 हजार तो अघरेलू उपभोक्ताओं को 10 हजार फ्री लीटर तक पानी, पेयजल विभाग तैयार कर चुका है ड्राफ्ट, मंत्री कौशिक समिति करेगी अध्ययन

देहरादून।

त्रिवेंद्र सरकार जनता को बड़ा तोहफा देने जा रही है। पहले गांव में एक रुपये और शहर में गरीबों को 100 रुपये में पानी का कनेक्शन देने का फैसला लिया। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए सीएम त्रिवेंद्र राज्य की जनता को सबसे बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं। उत्तराखंड में 20 हजार लीटर तक पानी होगा फ्री। हर महीने घरेलू उपभोक्ताओं को 20 हजार तो अघरेलू उपभोक्ताओं को 10 हजार लीटर पानी फ्री मिलेगा। पेयजल विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर चुका है।
उत्तराखंड में भी आने वाले समय में लोगों को 20 हजार लीटर तक पानी निशुल्क मिलेगा। इसके लिए बाकायदा पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। ड्राफ्ट पर कई दौर की शासन स्तर पर वार्ता हो गई है। अब ड्राफ्ट को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में गठित उप समिति के समक्ष रखा जाना है। जिसकी बैठक शुक्रवार को होनी है। उपसमिति की संस्तुति के बाद ड्राफ्ट कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
पेयजल विभाग के स्तर से जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है। उसमें कई कैटेगरी तय की गई है। घरेलू उपभोक्ताओं को 20 हजार लीटर तक पानी फ्री मिलेगा। इसके बाद यदि एक लीटर भी पानी अधिक खर्च किया जाएगा, तो पूरे 20 हजार लीटर के भी पैसे देने होंगे। घरेलू कनेक्शनों के लिए ये मानक दस हजार लीटर का रखा गया है। इस न्यूनतम मानक से अधिक पानी खर्च करने पर ही शुल्क देना होगा।
नितेश झा, सचिव पेयजल के अनुसार पानी के टैरिफ पर फैसला कैबिनेट की उपसमिति को करना है। उप समिति के समक्ष ड्राफ्ट रखा जाएगा। इसे लेकर जल्द समिति के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया जाना है। समिति की जो भी संस्तुति होगी, वो कैबिनेट के समक्ष रखी जाएगी। अंतिम फैसला कैबिनेट में ही होगा।

रेन वॉटर हारवेस्टिंग पर दस प्रतिशत अतिरिक्त छूट
ऐसे भवन जहां रेन वॉटर हारवेस्टिंग का सिस्टम विकसित किया गया है। वहां पानी के बिल में दस प्रतिशत अतिरिक्त छूट का प्रावधान रखा गया है। एमडीडीए से जो भी भवन मानचित्र स्वीकृत होते हैं। उसमें रेन वॉटर हारवेस्टिंग का प्रावधान किया जाता है। ऐसे में लोगों को पानी के बिल में अतिरिक्त लाभ मिलेगा।

भूजल दोहन पर भी कसी जाएगी नकेल
नई पॉलिसी में भूजल दोहन पर भी नकेल कसी जाएगी। जिन लोगों ने बोरिंग का इस्तेमाल कर पानी पी रहे हैं, उन्हें भी टैक्स देना होगा। उत्तराखंड यूएसनगर में बड़ी संख्या में वॉटर सप्लाई का सिस्टम बोरिंग आधारित है। शहरों में भी बड़ी संख्या में घरों, स्कूलों, अस्पतालों, होटल, रिजॉर्ट, धर्मशालाओं में बोरिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जितना पानी खर्च, उतना ही होगी वसूली
नई व्यवस्था में शत प्रतिशत वॉटर मीटर लगाए जाएंगे। ऐसे में लोग जितना पानी खर्च करेंगे, उन्हें उतना ही पानी का बिल देना होगा। अभी बड़े, छोटे अधिकतर घरों को एक समान पानी के बिल का भुगतान करना होता है। भले ही असेसमेंट नगर निगम के हाउस टैक्स के आधार पर हो, लेकर बिल वसूली एक जैसी होती रही है।

जल संस्थान को 100 करोड़ का नुकसान
पेयजल सेक्टर को सरकार की दरियादिली बहुत भारी पड़ने जा रही है। पहले ग्रामीण पेयजल कनेक्शन एक रुपये और शहरी गरीबों को पेयजल कनेक्शन 100 रुपये में देने का फैसला हो चुका है। इससे करीब 40 करोड़ का नुकसान हो रहा है। अब पानी के बिल 20 हजार लीटर तक फ्री किए जाने पर 60 करोड़ का नुकसान होगा। जल संस्थान की कुल कमाई ही 260 करोड़ है।

18 लाख है पेयजल उपभोक्ता
राज्य में करीब 18 लाख पेयजल उपभोक्ता हैं। 6.53 लाख उपभोक्ता शहरों में हैं। जबकि ग्रामीण पेयजल उपभोक्ता 12 लाख के करीब हैं। ग्रामीण उपभोक्ताओं को जल जीवन मिशन में एक रुपये में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here