नये एमडी पिटकुल आईएएस नीरज खैरवाल ने ऐसा क्या कहा, जिससे अटकी इंजीनियरों की सांसे

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नये एमडी पिटकुल आईएएस नीरज खैरवाल ने ऐसा क्या कहा, जिससे अटकी इंजीनियरों की सांसे
आईएएस नीरज खैरवाल ने संभाला पिटकुल का चार्ज, इंजीनियरों को दो टूक किया साफ, जीरो टालरेंस से नहीं होगा कोई समझौता
टेंडरों, निर्माण में हेराफेरी से बाज आएं, योजनाओं को तय समय पर पूरा करने में दिखाए तेजी, योजनाओं का ब्यौरा किया तलब
नए एमडी के तेवरों से यूपीसीएल के बाद पिटकुल में भी इंजीनियरों में मचा हुआ है हडकंप
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
यूपीसीएल के बाद आईएएस नीरज खैरवाल ने पिटकुल एमडी का भी चार्ज संभाल लिया है। चार्ज संभालते ही उन्होंने साफ किया कि जीरो टालरेंस से किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पहली समीक्षा बैठक में साफ किया कि टेंडरों, निर्माण में हेराफेरी से अफसर बाज आएं। योजनाओं को तय समय पर पूरा करने में तेजी दिखाए। उन्होंने सभी योजनाओं का ब्यौरा भी तलब किया। नए एमडी के तेवरों से यूपीसीएल के बाद पिटकुल में भी इंजीनियरों में हड़कंप मचा हुआ है।
आईएएस नीरज खैरवाल ने पिटकुल एमडी पद पर ज्वाइन करते ही इंजीनियरों को बताया कि सीएम त्रिवेंद्र रावत की जीरो टालरेंस की नीति का शत प्रतिशत पालन कराया जाएगा। सभी लंबित, निर्माणाधीन, प्रस्तावित योजनाओं का ब्यौरा मांगा।
कहा कि पिटकुल के हर काम में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी रहेगा। यही पारदर्शिता योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया में भी नजर आनी चाहिए। दो टूक शब्दों में साफ किया कि टेंडरों में किसी भी तरह की चूक, गड़बड़ी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। शत प्रतिशत ये सुनिश्चित कराया जाए कि योजना का काम तय समय पर पूरा हो। गड़बड़ी, लापरवाही, किसी को निजी लाभ पहुंचाने की रत्ती भर शिकायत भी आई, तो गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।

600 करोड़ का नुकसान पहुंचा चुके हैं इंजीनियर
पिटकुल में इंजीनियरों, अफसरों के बीच की गुटबाजी, एक दूसरे के खिलाफ साजिशों का नुकसान हमेशा से पिटकुल को उठाना पड़ा है। इन्हीं साजिशों के कारण 600 करोड़ का पूर्व में नुकसान भी हुआ। अफसरों की इसी खींचतान विवाद के कारण श्रीनगर काशीपुर 400 केवी लाइन के लिए एडीबी से स्वीकृत 600 करोड़ का बजट लैप्स हुआ। इसका नुकसान ये हुआ कि 600 करोड़ अधिक लागत में इसी प्रोजेक्ट के लिए नाम बदल कर 1200 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर कराया गया। क्योंकि नये सिरे से प्रोजेक्ट स्वीकृत कराने के दौरान बाजार मूल्य काफी बढ़ गया था। इस बार भी मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण फिर टेंडर को निरस्त करना पड़ा। पिटकुल में टेंडर प्रक्रिया हमेशा से ही विवादों में रही है। ट्रांसफार्मर खरीद, ट्रांसमिशन लाइन निर्माण, टेंडर प्रक्रिया से लेकर कोई भी काम ऐसा नहीं रहा है, जिसमें विवाद न हुआ हो।

पारदर्शिता के साथ निगमों को विकास के पथ आगे ले जाने को सभी मिल जुल कर प्रयास करेंगे। सरकार के जीरो टालरेंस का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। पॉवर सेक्टर में भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता, गड़बड़ी को किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा। यूपीसीएल के बाद यही बात पिटकुल के अफसरों को भी समझा दी गई है।
डा. नीरज खैरवाल, एमडी पिटकुल

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