सह खातेदार बनेंगी महिलाएं, लोन लेने का मिलेगा अधिकार, सदन में रखा गया उत्तराखंड (यूपी जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, 2021, पति के साथ अब खतौनी में महिलाओं का नाम भी होगा दर्ज, तलाकशुदा निसंतान महिलाओं को पिता की संपत्ति में मिलेगा नाम 

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सह खातेदार बनेंगी महिलाएं, लोन लेने का मिलेगा अधिकार, सदन में रखा गया उत्तराखंड (यूपी जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, 2021, पति के साथ अब खतौनी में महिलाओं का नाम भी होगा दर्ज, तलाकशुदा निसंतान महिलाओं को पिता की संपत्ति में मिलेगा नाम

गैरसैंण।

उत्तराखंड (यूपी जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950)(संशोधन) विधेयक, 2021 सदन में रखा गया। इसके पास होने और लागू होने के बाद महिलाएं राजस्व दस्तावेजों में सह खातेदार बनेंगी। महिलाएं सह खातेदार बनेंगी। पति की पैतृक संपत्ति पर महिला का भी नाम राजस्व खाते में दर्ज होगा।
सदन में बुधवार को इस विधेयक को रखा गया। इस विधेयक के लागू होने से राज्य की करीब 35 लाख से अधिक की महिलाओं को लाभ मिलेगा। संपत्ति में सह खातेदार बनने के बाद वे उसके आधार पर बैंकों से लोन ले सकेंगी। इसके लिए पति की पैतृक संपत्ति की खतौनी में महिला का बतौर पत्नी सह खातेदार के तौर पर नाम दर्ज होगा। तलाक के बाद दोबारा विवाह करने की स्थिति में ये लाभ नहीं मिलेगा।
इसी तरह यदि कोई पत्नी तलाक लेती है और निसंतान है। महिला का पति सात साल तक लापता रहता है, तो पिता की संपत्ति पर वो सह खातेदार रहेगी। महिलाओं को तलाक के बाद ये लाभ मिलेगा कि यदि पति पत्नी के भरण पोषण का खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है, तो पत्नी सह खातेदार के रूप में लाभ ले सकती है। वो संपत्ति में बंटवारा कर लाभ ले सकती है। संपत्ति में पूर्व मृत पुत्र की विधवा और पुत्र को चाहे जितनी भी नीची पीढ़ी में हो, प्रतिशाखा के अनुसार वह अंश उत्तराधिकार में मिलेगा। जो पूर्व मृत पुत्र को, यदि वह जीवित होता, तो मिलता।

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