कर्मकार बोर्ड के 20 करोड़ भुगतान विवाद में थमी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई, एक्शन से पहले किया जा रहा है आईएएस वी षणमुगम की जांच का इंतजार, सीएम कार्यालय से लौटी फाइल
देहरादून।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से 20 करोड़ जारी होने के मामले में प्रस्तावित कार्रवाई टल गई है। अब कार्रवाई को लेकर पहले आईएएस वी षणमुगम की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा। 20 करोड़ भुगतान मामले में ईएसआई और बोर्ड के करीब आधा दर्जन अफसर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी थी।
कर्मकार बोर्ड ने कोटद्वार में 300 बेड के सुपर स्पेशलियटी अस्पताल निर्माण को 20 करोड़ का पैसा कार्यदायी संस्था ब्रिज एंड रूफ को सौंप दिया था। जबकि इस पैसे को लेकर एमओयू ईएसआई के साथ हुआ था। ईएसआई ने शासन को दाखिल अपने जवाब में साफ कर दिया था कि पैसा उसे नहीं मिला। 300 बेड का अस्पताल जहां बनना है, उसकी जमीन भी स्वास्थ्य विभाग को वापस लौटाई जा चुकी है। अब जमीन का एक हिस्सा ही बचा है। अस्पताल निर्माण की कोई विस्तृत डीपीआर भी नहीं बनी और न ही उसकी शासन से टीएसी और वित्त विभाग से ईएफसी कराई गई।
इस मामले का खुलासा होने पर शासन ने बोर्ड और ईएसआई दोनों ही एजेंसियों को नोटिस जारी किया था। संतोषजनक जवाब न आने पर अफसर, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की फाइल तैयार कर सीएम कार्यालय को भेज दी गई। सोमवार को लौटी फाइल में साफ किया गया है कि इस मामले में आईएएस वी षणमुगम की जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार कर लिया जाए।
बोर्ड और ईएसआई के बीच एमओयू 31 जुलाई 2020 को हुआ। इसमें तय हुआ कि बोर्ड से अस्पताल निर्माण को 50 करोड़ का ऋण लिया जाएगा। ऋण किस ब्याज दर पर और कब और कैसे वापस होगा, इसका जिक्र नहीं किया गया। गजब ये रहा कि एमओयू होने के ठीक छठे ही दिन तीन अलग अलग चेक में 20 करोड़ कार्यदायी संस्था के खाते में पहुंच गया।