कर्मकार बोर्ड, एनएच 74, छात्रवृति घोटाले समेत भ्रष्टाचार के तमाम मसलों को विपक्ष ने सदन में उठाया, जमकर हंगामे के बीच वॉक आउट
देहरादून।
विधानसभा में बुधवार को विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरा। प्रश्न काल शुरू होते ही विपक्ष ने कर्मकार कल्याण बोर्ड, एनएच 74 जांच, छात्रवृत्ति घोटाले पर जमकर हंगामा किया। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन वॉकआउट कर दिया।
सदन शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, उप नेता करन माहरा, अध्यक्ष प्रीतम सिंह, हरीश धामी, ममता राकेश, काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद, मनेाज रावत, आदेश सिंह चौहान समेत अन्य सभी कांग्र्रेसी विधायकों ने जोरशोर से भ्रष्टाचार के मुद्दों पर नियम 310 में सुनवाई की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि पूरी सरकार भ्रष्टाचार के घेरे में है। कर्मकार कल्याण बोर्ड में करोड़ों रुपये का घोटाला जीरो टालरेंस की पोल खोलने को काफी है। कोटद्वार में बिना मंजूरी के अस्पताल निर्माण को एजेंसी को 20 करोड़ जारी करने में अफसरों से लेकर विभागीय मंत्री तक की भूमिका संदेह के घेरे में है। ऐसे में इस प्रकरण के हर पहलू की विस्तृत निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। ताकि भ्रष्टाचार में लिप्ट लोगों को कटघरे में खड़ा किया जा सके। सरकारी पैसे की सरेआम लूट खसोट पर लगाम लगाई जा सके।
छात्रवृति घोटाले की कब होगी सीबीआई जांच
विपक्ष ने छात्रवृति घोटाले में अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाए। कहा कि करोड़ों रुपये का गबन करने वाले अधिकारियों और स्कूल संचालकों के खिलाफ भी कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई। कार्रवाई इसीलिए नहीं की जा रही है, क्योंकि इसमें कई सत्तापक्ष के लोगों पर भी आंच आना तय है। बड़ी मछलियों को बचाने को छोटी मछलियों पर कार्रवाई का दिखावा किया गया।
एनएच 74 में पहले कार्रवाई, बाद में क्लीन चिट
विपक्ष ने एनएच 74 घोटाले में सरकार पर लीपापोती का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पूरी जांच अधर में है। पहले दिखावे को आईएएस अफसरों को निलंबित किया गया, बाद में उन्हें ही क्लीन चिट देकर बहाल कर दिया गया। सिर्फ बाहरी दिखावे को कार्रवाई हुई। अंदरखाने पूरी सेटिंग गेटिंग का खेल चला।