कर्मकार बोर्ड के 20 करोड़ की जांच होगी तेज, जांच अधिकारी षणमुगम ने तलब किए पूरे अभिलेख
देहरादून।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड से जारी हुए 20 करोड़ प्रकरण की जांच का जिम्मा शासन ने आईएएस वी षणमुगम की अध्यक्षता में गठित जांच समिति को दिया है। जांच समिति के अध्यक्ष वी षणमुगम ने पूरे प्रकरण से जुड़े समस्त अभिलेख तलब कर लिए हैं।
इस जांच समिति में आईएएस वी षणमुगम के साथ ही श्रमायुक्त दीप्ति सिंह, संयुक्त सचिव बीरेंद्र पाल सिंह समेत विधि अधिकारी और पुलिस के स्तर से भी एक अफसर शामिल हैं। जांच शुरू करने को जांच समिति ने शासन में श्रम से अभिलेख मांगे हैं। जांच समिति कर्मकार बोर्ड के सिर्फ 20 करोड़ के भुगतान प्रक्रिया की जांच करेगी।
इस मामले को लेकर कर्मकार बोर्ड के कामकाज, सामान वितरण, श्रमिकों को मिलने वाले लाभ, प्रशिक्षण में एनजीओ पर हुए खर्च समेत बांटी गई छात्रवृति को लेकर विधायकों ने जमकर सवाल भी लगाए हैं।
फाइल की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर
कर्मकार बोर्ड से जुड़ी कई अहम फाइलों को शासन ने कोषागार के डबल लॉक में रखवा दिया है। सोमवार देर शाम मूल फाइलें डबल लॉक में रखवाई गईं। अब जांच में मूल फाइलों के प्रमाणित दस्तावेज से पड़ताल होगी।
चारों डीएम को जांच के आदेश
शासन ने डीएम देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और पौड़ी को मंगलवार को अपने जिलों में जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इन चारों डीएम को साइकिल, टूल किट, सिलाई मशीन समेत बांटे गए दूसरे सामान की जांच करनी है। शासन को बताना है कि ये सामान असल लाभार्थियों तक पहुंचा है या नहीं।
एमओयू होने के छह दिन के भीतर ही हुआ भुगतान
बोर्ड और ईएसआई के बीच एमओयू 31 जुलाई 2020 को हुआ। इसमें तय हुआ कि बोर्ड से अस्पताल निर्माण को 50 करोड़ का ऋण लिया जाएगा। ऋण किस ब्याज दर पर और कब और कैसे वापस होगा, इसका जिक्र नहीं किया गया। गजब ये रहा कि एमओयू होने के ठीक छठे ही दिन तीन अलग अलग चेक में 20 करोड़ कार्यदायी संस्था के खाते में पहुंच गया।