विश्व जल दिवस पर जल संस्थान ने किया ग्राम वांडावाली के जल पुरुष आलम सिंह कंडारी का सम्मान, व्यक्तिगत प्रयासों से स्रोत से गांव तक लाए पानी, बनाया टैंक, मत्स्य पालन के साथ पैदा की बिजली 

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विश्व जल दिवस पर जल संस्थान ने किया ग्राम वांडावाली के जल पुरुष आलम सिंह कंडारी का सम्मान, व्यक्तिगत प्रयासों से स्रोत से गांव तक लाए पानी, बनाया टैंक, मत्स्य पालन के साथ पैदा की बिजली

देहरादून।

विश्व जल दिवस के मौके पर जल संस्थान ने पानी बचाने की शपथ ली। इस मौके एक ऐसे शख्स को सम्मानित किया गया, जो असल मायने में खुद को जल पुरुष साबित किया। प्राकृतिक स्रोत से अपने गांव तक व्यक्तिगत प्रयासों से ग्राम वांडावाली रायपुर निवासी आलम सिंह कंडारी ने डेढ़ किमी लाइन बिछाई। टैंक बनाया इसका इस्तेमाल पेयजल, सिंचाई और मत्स्य पालन को किया। घराट बना कर चक्की बनाई और 600 वॉट बिजली भी पैदा की।
जल भवन नेहरू कालोनी में आयोजित कार्यक्रम में पहले पीएम नरेंद्र मोदी के संदेश को सुना गया। इसके बाद शपथ ली गई। शपथ के बाद वांडावाली के ग्रामीण आलम सिंह कंडारी का मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने सम्मान किया। बताया कि इस तरह के व्यक्तित्व असल मायनों में समाज के लिए प्रेरणास्रोत का काम करते हैं। आज उन्होंने पेयजल और सिंचाई की समस्या का समाधान किया। बल्कि साथ पनचक्की, मत्स्य पालन करने के साथ ही 600 वॉट बिजली भी पैदा कर रहे हैं। इस तरह के प्रयासों से ही राज्य से पलायन थम सकता है।
आलम सिंह कंडारी ने बताया कि 50 हजार लीटर के टैंक से पेयजल, सिंचाई की व्यवस्था हो जाती है। साथ ही मत्स्य पालन से स्वरोजगार का एक जरिया भी बन गया है। पनचक्की से वे अपना और गांव वालों के लिए आटा चक्की का भी काम करते हैं। एक छोटे से प्लांट से 600 वॉटर बिजली भी पैदा होती है। सभी ने उनके इन प्रयासों को सराहा। इस अवसर पर महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग, ओएसडी एलके अदलखा, आरके रोहिला, विनोद रमोला, मनीष सेमवाल आदि मौजूद रहे।

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