पुरानी पेंशन को लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, केंद्र को भेजी सिफारिश
देहरादून। पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग को लेकर देश भर के 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी लामबंद हैं। 2005 से पहले के नियुक्त हुए कर्मचारी भी पूरा समर्थन दे रहे हैं। सभी कर्मचारी संगठनों की सबसे बड़ी मांग भी यही है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए त्रिवेंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की संस्तुति करते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है।
कर्मचारी संगठन इस मांग को लेकर लंबे समय से मोर्चा खोले हुए हैं। मुख्य सचिव समेत अपर मुख्य सचिव कार्मिक के साथ हुई बैठक में भी कर्मचारियों की यही मुख्य मांग थी। इस पर शासन ने भी कर्मचारियों के हित में संस्तुति करते हुए केंद्र को सिफारिश कर दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि सरकार ने स्वागत योग्य कदम उठाया है। कहा कि सरकार को चाहिए था कि राज्य कर्मचारियों की पेंशन योजना में अपने स्तर पर भी बदलाव करती। सरकार जल्द से जल्द यह फैसला करे ताकि राज्य के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो।
नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को नुकसान
पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने बताया कि नई पेंशन योजना के विरोध के तीन प्रमुख कारण है। पहला यह कि इसमें पेंशन की किस्त बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगी। दूसरा इसके तहत जीपीएफ निकासी में दिक्कत आती है। और तीसरा इसमें पेंशन के लिए अंशदान के रूप में कर्मचारियों की वेतन से पैसा काटा जाता है। उन्होंने कहा कि जबकि पुरानी पेंशन योजना में ये तीनों ही समस्याएं नहीं हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस संदर्भ में केंद्र से सिफारिश करने की बजाए राज्य पेंशन स्कीम में खुद बदलाव करे।