चार महीने जांच करने के बाद अपर सचिव ने खड़े किए हाथ, तकनीकी जांच कराने की संस्तुति, 98 करोड़ का है पूरा गोलमाल, जल विद्युत निगम के घपलों की जांच में नया पेंच
देहरादून।
जल विद्युत निगम के पछवादून के पॉवर हाउस में 98 करोड़ के कार्यों में हुई गड़बड़ियों की जांच में नया पेंच फंस गया है। जांच का जिम्मा जिस अफसर को दिया गया, उसने साफ कर दिया है कि प्रकरण बेहद तकनीकी है। इसकी जांच किसी तकनीकी विशेषज्ञ से कराई जाए। उनके स्तर से इस पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के छिबरो, खोदरी, डाकपत्थर पॉवर हाउस में 98 करोड़ की खरीद, कार्यों में हुए घपलों को लेकर शिकायत हुई थी। जांच अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान को सौंपी गई। उन्होंने जो जांच रिपोर्ट दी है, उसमें कुछ खामियों की ओर इशारा तो किया है। हालांकि साथ ही प्रकरण को बेहद तकनीकी बताते हुए अपने स्तर से कुछ निष्कर्ष निकाले जाने से साफ इंकार कर दिया है। हालांकि सचिव ऊर्जा राधिका झा ने साफ किया है कि पूरे प्रकरण का अध्ययन किया जा रहा है। उसी अनुरूप आगे कदम उठाया जाएगा।
इस प्रकरण में गड़बड़ियों की पुष्टि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी किया था। साफ किया गया था कि सिर्फ केबिल की खरीद में ही गड़बड़ी नहीं हुई, बल्कि पैनल, बैटरी, चार्जर और अन्य केबिल की खरीद भी दोगुना से अधिक दाम पर हुई। साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख तो 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदी गई। 11 केवी केबिल भी 700 रुपये की 2595 रुपये में खरीदी गई। यूजेवीएनएल ने यूपीसीएल से दोगुना दाम पर ये तमाम सामान खरीदे।
कुछ गड़बड़ियों की ओर किया है इशारा
अपर सचिव ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं की ओर इशारा भी किया है। इसमें दो से चार गुना अधिक दाम पर खरीदे गए सामान पर सवाल उठाए गए हैं। साफ किया गया कि डीलर के रेट को ही अंतिम रेट मान लिया गया। बाजार से तुलना नहीं की गई।
हर सामान दो से चार गुना रेट पर खरीदा
11 केवी के आउट गोइंग पैनल 7.95 लाख में खरीदे गए। जबकि यूपीसीएल ने 4.14 लाख में खरीदे। इनकमर पैनल 4.56 लाख की बजाय 9.07 लाख में खरीद हुई। 11 केवी बस कॉप्लर पैनल 4.52 लाख की बजाय 9.07 लाख, एमएस चैनल 46.50 रुपये प्रति किलो की बजाय 86.70 रुपये प्रति किलो खरीदे गए। कंट्रोल केबिल की खरीद भी 80 रुपये मीटर की बजाय 162.18 रुपये, 24 वोल्ट बैटरी चार्जर 74 हजार रुपये की जगह 1.85 लाख में खरीदे गए। 800 रुपये के तार को 3300 रुपये में खरीदा गया। साढ़े चार लाख का पैनल नौ लाख में खरीदने के साथ ही 74 हजार की बैटरी 1.85 लाख में खरीदी गई।
कुंभ मेला घपला जांच भी डंप
ऊर्जा निगम में कुंभ मेला घपला जांच रिपोर्ट भी साढ़े तीन साल से डंप पड़ी हुई है। रिपोर्ट में जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। वे तेजी के साथ रिटायर होते जा रहे हैं। फाइल शासन में एक पटल से दूसरे पटल पर लटकी हुई है।