कृषि सुधार कानूनों पर कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम ने उठाए सवाल, केंद्र पर किसानों को पूंजीपतियों का मजदूर बनाने का आरोप 

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कृषि सुधार कानूनों पर कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम ने उठाए सवाल, केंद्र पर किसानों को पूंजीपतियों का मजदूर बनाने का आरोप

देहरादून।

केंद्र की मोदी सरकार के नये कृषि सुधार कानूनों पर कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए। कहा कि यदि ये बिल इतना ही बेहतर है, तो क्यों उसके सहयोगी दल अकाली दल की नेता ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। क्यों हर वक्त साथ खड़े रहने वाली बीजू जनता दल किनारे हो गई है। क्यों देश भर का किसान सड़कों पर उतर आया है। कोरोना, लॉकडाउन संकट में जिस जीडीपी को किसानों ने सहारा दिया, सरकार ने नये बिलों से उसी किसान की कमर तोड़ दी है। प्राइवेट लोगों को असीमित भंडारण का अधिकार दे दिया है। क्यों सरकार ने बिल में खरीफ और रवि की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं किया। क्यों साफ नहीं किया कि एमएसपी से कम पर कोई नहीं खरीदेगा।
कांट्रेक्ट फार्मिंग में फसल लगाते समय ही करार की व्यवस्था है। कैसे फसल लगाते समय ही उसका सही आंकलन हो सकता है। कहा कि कोई कैसे मोदी सरकार के फैसलों पर विश्वास करे। सरकार ने रेलवे, बीएसएनएल, एलआईसी, भारत पेट्रोलियम, एयर इंडिया, एयरपोर्ट, टीएचडीसी तक को बेच दिया है। ऐसे में किसान भी कैसे यकीन करे। ऐसे में इन नये कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेगी। इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, मनोज रावत, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, सुशील राठी मौजूद रहे।

राज्यपाल को बताई कैसे विपक्ष की आवाज दबा रही सरकार
देहरादून। कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिल कर सरकार की शिकायत की। कहा कि सदन के भीतर कोरोना, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था के विषयों पर विपक्ष को बात रखने तक नहीं दी गई। सरकार लगातार मुद्दों पर बात करने से बच रही है। राज्य में बेरोजगारी चरम पर है। प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने में सरकार विफल रही। आपदा में हुए नुकसान पर अभी तक राहत नहीं पहुंचाई गई। लोग महंगाई से जूझ रहे हैं। किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान लागू कर धाम को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

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